उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का बिगुल बज गया है. इन सीटों पर मतदान 13 नवंबर और मतगणना 23 नवंबर को कराई जाएगी. इनमें से आठ सीटों पर उपचुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने की वजह से कराया जा रहा है. एक सीट पर उपचुनाव विधायक को सजा होने की वजह से हो रहा है.
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UP By Polls 2024: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का बिगुल बज गया है. इन सीटों पर मतदान 13 नवंबर और मतगणना 23 नवंबर को कराई जाएगी. इनमें से आठ सीटों पर उपचुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने की वजह से कराया जा रहा है. एक सीट पर उपचुनाव विधायक को सजा होने की वजह से हो रहा है. वहीं मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल चुनाव टला है. मझवां विधानसभा में 13 नवंबर को वोटिंग होगी. 23 नवंबर को वोटों की काउंटिंग होगी. यूपी की जिन 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, उसमें मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट भी शामिल है. आइए जानते हैं इस सीट का सियासी समीकरण.
मझवां से सपा की ज्योति
मझवां से पूर्व विधायक और भदोही से पूर्व सांसद रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद को सपा ने उपचुनाव में मझवां से प्रत्याशी घोषित किया. रमेश बिंद लगातार मझवां विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे. फिर इसके बाद वह लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के टिकट पर भदोही से सांसद चुने गए.
बीजेपी से कौन?
बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के डॉ. विनोद बिंद ने 2022 में जीत दर्ज की थी. इसके पहले भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य इस सीट पर विधायक थी।
मझवां सीट पर बसपा के दीपू तिवारी
मिर्जापुर के मझवां विधानसभा में उपचुनाव भी होना है और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मण चेहरे ,दीपक तिवारी उर्फ दीपू ," को इस सीट से अपना आशीर्वाद दिया है.
मझवां सीट का जातीय समीकरण (Caste equation of Majhwan seat)
मझवां सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां दलित, ब्राह्मण, बिंद की संख्या 60-60 हजार है. वहीं कुशवाहार 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार, पटेल 16 हजार हैं. 1960 में अस्तित्व में आई इस सीट पर ब्राह्मण, दलित और बिंद बिरादरी का बोलबाला है. आपको बता दें मझवां विधानसभा मिर्जापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आती है. इस बार यहां से अपना दल सोनेलाल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार सांसद चुनकर निचले सदन पहुंचीं हैं. इस सीट पर मायावती के प्रत्याशी उतारने के बाद इस सीट पर चुनाव त्रिकोणीय हो सकता है.
राजनीतिक दिग्गजों का अखाड़ा मझवां सीट
मझवां विधानसभा सीट कई दिग्गजों का राजनीतिक अखाड़ा रह चुका है. लोकपति त्रिपाठी भी यहां से विधायक चुने जा चुके हैं. मझवां विधानसभा सीट साल 1952 में अस्तित्व में आया था. इलाके में ब्राह्मण और बिंद बिरादरी का अच्छा खासा दबदबा रहा है. इस सीट पर रमेश बिंद का कब्जा था. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सुचिस्मिता बिंद ने रमेश बिंद को हरा दिया था.
पार्टियों के उम्मीदवार
इंडिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. बसपा 5 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी उपचुनाव की 10 सीटों में से 9 पर उम्मीदवार उतारेगी. एक सीट मीरापुर बीजेपी ने रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के लिए छोड़ी है. बीजेपी ने अभी तक उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है.
किन सीटों पर उपचुनाव?
उत्तर प्रदेश की जिन सीटों पर उपचुनाव होगा, उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल है.
क्यों हो रहा यूपी विधानसभा उपचुनाव?
उत्तर प्रदेश से 9 ऐसे विधायक हैं, जो सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे हैं. इसके चलते ये सीटें खाली हुई हैं. मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े डॉक्टर विनोद कुमार बिंद संसद पहुंच गए हैं. वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं. ऐसे में अब मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.
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