Ballia : योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने के सवाल पर बोले ओपी राजभर , धैर्य रखिए करेजवा न फट जाए
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Ballia : योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने के सवाल पर बोले ओपी राजभर , धैर्य रखिए करेजवा न फट जाए

Om Prakash Rajbhar on Cabinet Ministry: घोसी उपचुनाव के बाद सत्ता के गलियारों में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि क्या दूसरे दलों के नेताओं को बीजेपी मंत्री बनाएगी. जिनके भरोसे बीजेपी को जीत की उम्मीद थी, उनका जादू फिका पड़ता नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल यही है कि सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर को क्या सीएम योगी मंत्री बनाएंगे.

Ballia : योगी सरकार में मंत्री बनाए जाने के सवाल पर बोले ओपी राजभर , धैर्य रखिए करेजवा न फट जाए

मनोज चतुर्वेदी/ बलिया : घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत पर सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर सियासी हमले जारी है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि एनडीए प्रत्याशी को जिताने का जिम्मा उन्हें सौंपा गया था. लेकिन पूरी ताकत झोंकने के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने घोसी उपचुनाव में हार को ओपी राजभर, संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल की हार बताया है. इस बीच बलिया पहुंचे ओमप्रकाश राजभर कहा ''वह मंत्री क्यों नहीं बन सकते. एनडीए का मालिक विपक्ष नहीं है. एनडीए के मुखिया मोदी हैं ,अमित शाह और जेपी नड्डा हैं.'' उन्होंने कहा धैर्य रखिए दिल थाम के कहीं करेजा ना फट जाए, हार्ट अटैक ना आ जाए. वही दावा किया कि वह मंत्री जरूर बनेंगे.

बताया हार का गणित
जातिगत आधार पर एनडीए प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को मिले वोटो की जानकारी देते उन्होंने दावा किया कि 68,000 वोट राजभरों का था जिसमें से 34,000 वोट पोल हुए जिसमें से 7 से 10% वोट सपा को और एनडीए कैंडिडेट दारा सिंह चौहान को 83 से 90 प्रतिशत वोट मिला है.

उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी की हार की वजह बीएसपी का चुनाव न लड़ना बताया. वहीं सपा पर चुनाव के दौरान रात में पैसा बांटने का आरोप लगाते हुए कहा की इसकी शिकायत कई बार की गई और कई लोगों को पड़कर थाने में बंद भी किया गया. वहीं हार की तीसरी वजह प्रत्याशी के खिलाफ रिएक्शन बताते हुए कहा कि स्थानीय कैंडिडेट होता तो नतीजा कुछ और होता. 

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बहरहाल, जिस तरह दल बदलने वाले नेताओं से जनता का मोहभंग हो रहा है, ऐसे में ओमप्रकाश राजभर के लिए भी भविष्य में सियासी राह कितनी आसान होगी कहना मुश्किल है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आरोप-प्रत्यारोप के बाद विपक्षी गठबंधन में अब वापसी की कोई उम्मीद बची नहीं, अब सियासी नैया एनडीए में रहकर ही पार होगी, ऐसे में मंत्री पद कब मिलेगा कहना मुश्किल है.

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