Prayagraj: प्रयागराज में रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस परियोजना से 8 राज्यों को फायदा होगा. आइए जानते हैं कैसे करछना और फूलपुर के किसान इस परियोजना के बाद करोड़पति हो जाएंगे.
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प्रयागराज : संगम नगरी की सबसे महात्वाकांक्षी परियोजना रिंग रोड के निर्माण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यहां जमीन के लिए 211 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए शासन स्तर से स्वीकृति मिल गई है. इस प्रोजेक्ट के पहले फेज के लिए कुल 137 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहीत की जा रही है. इसके अलावा लगभग 57 हेक्टेयर सरकारी जमीन भी अधिग्रहीत होगी. रिंग रोड के पहले फेज का कार्य करछना तहसील के 23 गांवों में होगा. वैसे तो पूरी रिंग रोड परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 7,000 करोड़ रुपये है, लेकिन पहले फेज के लिए कुल 3,100 करोड़ रुपये का अनुमान तय किया गया है.
रिंग रोड से मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बुंदेलखंड के जिलों के लोगों को आवागमन में आसानी होगी.
फूलपुर क्षेत्र में दिया जाएगा 148 करोड़ मुआवजा
करछना तहसील क्षेत्र में 48.9 हेक्टेयर तथा फूलपुर में 88.8 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहीत हो रही है. करछना क्षेत्र में 62 करोड़ 77 लाख रुपये तथा फूलपुर क्षेत्र में 148 करोड़ 23 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना है.
अब तक लगभग 80 फीसदी जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है. कुल 160 करोड़ 35 लाख रुपये की मुआवजा राशि अब तक वितरित की जा चुकी है. अधिग्रहीत की जा चुकी जमीन कार्यदायी संस्था के नाम कर दी गई है. अब जल्द ही रिंग रोड का निर्माण शुरू कराया जाएगा.
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भूअध्याप्ति अधिकारी रमेश मौर्य के मुताबिक रिंग रोड परियोजना के लिए दो माह पहले तक मात्र 17 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत हो सकी थी. लेकिन इस दो माह के भीतर 76 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है. यही नहीं मुआवजा राशि वितरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है.
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