माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. वहीं मऊ की कोर्ट ने मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. आइए जानते हैं परिवार के किस सदस्य पर कितने मुकदमें दर्ज हैं.
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अजीत सिंह/लखनऊ :गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. गैंगस्टर के ये मामले करंडा थाना और मोहम्दाबाद थानों से बनाए गए आपराधिक मुकदमों से बनाए गए गैंगचार्ट पर आधारित है. माफिया अंसारी ब्रदर्स मुख्तार-अफजाल और उसके परिवार पर मुकदमों की लंबी फेहरिस्त है. माफिया मुख्तार अंसारी पर हत्या के 8 मुकदमों सहित कुल 61 मामले दर्ज हैं. वहीं अफजाल अंसारी पर 7, मुख्तार के भाई शिवगतुल्लाह अंसारी पर 3, मुख़्तार की पत्नी अफसा अंसारी पर 11, मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी पर 8, उमर अंसारी पर 6 और अब्बास की पत्नी निखत बानो पर एक अपराधिक मुकदमा दर्ज है.
मुख़्तार की पत्नी और बेटा उमर चल रहा फरार
अंसारी परिवार में मुख्तार, उसका बेटा अब्बास अंसारी, अब्बास की पत्नी निखत बानो जेल के सलाखों के पीछे हैं जबकि मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी और बेटा उमर अंसारी फरार चल रहा है.वहीं गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को अफजल अंसारी को 15 साल पुराने गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना गया है, जिसके बाद अफजल को गाजीपुर जेल भेज दिया गया. मऊ कोर्ट ने मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. अब पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है. मऊ के कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद मऊ पुलिस अब एक्शन मोड में आ गई है और उमर अंसारी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है.
60 साल के मुख्तार अंसारी पर 61 मुकदमें दर्ज हैं. इनमें सबसे अधिक मुकदमें गाजीपुर में दर्ज हैं. दरअसल 90 के दशक में मुख्तार अंसारी के अपराध की दास्तां शुरू हुई. इसके बाद 1996 में उसने सियासत की दुनिया में भी कदम रखा. पहली बार बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़कर मुख्तार विधायक भी बना. 2017 तक मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक बना.
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