कार्यक्रम का श्री गणेश विश्व विख्यात संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश, संगीत नाटक अकादमी की उप सचिव डॉ. रीता स्वामी चौधरी, वरिष्ठ लेखक, कवि-गीतकार, फिल्मकार डॉ. राजीव श्रीवास्तव, जर्मन की ह्यूबर ग्रुप कम्पनी के महाप्रबन्धक राजीव रंजन तथा प्रख्यात लेखिका रिंकल शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ...
Trending Photos
नई दिल्ली: बुधवार 12 जनवरी 2022 को नई दिल्ली की 'संगीत नाटक अकादमी' और 'स्वर संसार वेलफ़ेयर एंड कल्चरल सोसायटी' के संयुक्त तत्वाधान में मेघदूत प्रेक्षागृह, मंडी हाउस में स्वामी विवेकानन्द की जन्म-जयन्ती के अवसर पर लन्दन निवासी वरिष्ठ शास्त्रीय गुरु-संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश द्वारा संगीतबद्ध एवं वरिष्ठ कवि-गीतकार डॉ. राजीव श्रीवास्तव द्वारा रचित साहित्यिक गीतों, नज़्मों, ग़ज़लों और लोक माधुर्य से सजे काव्य का एक रंगारंग सुरीला कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति- सरस्वती वन्दना
कार्यक्रम का श्री गणेश विश्व विख्यात संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश, संगीत नाटक अकादमी की उप सचिव डॉ. रीता स्वामी चौधरी, वरिष्ठ लेखक, कवि-गीतकार, फ़िल्मकार डॉ. राजीव श्रीवास्तव, जर्मन की ह्यूबर ग्रुप कम्पनी के महाप्रबन्धक राजीव रंजन तथा प्रख्यात लेखिका रिंकल शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति वरिष्ठ गज़ल गायक यतीश आचार्य एवं सुप्रसिद्ध युवा गायिका कृतिका श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से गाई गई सरस्वती वन्दना 'सरस्वती मां जय सरस्वती, स्वास्तिक मंगल मूरती' से हुआ.
दर्शक-श्रोता हुए मन्त्र-मुग्ध
महान गज़ल गायक मेहंदी हसन की परम्परा एवं गायन शैली की अद्भुत प्रणेता भारत के प्रमुख वरिष्ठ गज़ल गायकों में से एक यतीश आचार्य के स्वर में 'है मुहब्बत जो मुझसे जताया करो' और 'सुन पयाम-ए-मुहब्बत का इश्किया बयान' का श्रवण उपस्थित दर्शकों-श्रोताओं को मन्त्र-मुग्ध कर गया. कार्यक्रम में कृतिका श्रीवास्तव की एकल प्रस्तुति 'रच दे पिया मोरे मन पे प्रेम का पहला श्लोक', 'मैंने तुमसे प्यार किया है', 'कैसा तेरा अभिमान पिया', 'प्रेम पिया संजीवनी तेरा' जैसे गीतों के साथ ही यतीश आचार्य के संग उनके गाए युगल गीतों 'नींद नहीं आती है चैन चला जाता है', 'नैनन के रस्ते पिया मन में समाए', 'चित्त के चिरइया से जियरा चुराया' को विशेष रूप से सराहा गया.
युवा गायिका इशिका मल्होत्रा की प्रस्तुति ने जीता दिल
डॉ. राजीव श्रीवास्तव रचित गीतों के गायन के क्रम में दिल्ली की वरिष्ठ गायिका आस्था उदिनिया द्वारा 'होली खेलूं मैं तो साजन के संग', 'अधरों का मौन पर नैना तो बोले' और दिल्ली की ही युवा गायिका इशिका मल्होत्रा की प्रस्तुति 'बलमा अनाड़ी बेदर्दी बेईमनवा', 'आ तो जाऊंगी पर कैसे रुक पाऊंगी, सांझ ढलते पिया मैं चली जाऊंगी' ने श्रोताओं का मन मोह लिया. ओडिसी नृत्य गुरु द्वय पंचानन भुयां एवं प्रियम्बदा समान्त्रे के निर्देशन में शिव-पार्वती पर रचित डॉ. राजीव श्रीवास्तव का गीत 'अनवरत व्रत पार्वती करे देवादिदेव हिय शिव स्तुति' पर युवा ओडिसी नृत्यांगना शाम्भवी महेश द्वारा प्रस्तुत नृत्य अपनी विशेष भाव-भंगिमा, जीवन्त कलात्मक सौन्दर्य एवं अद्भुत तारतम्य से सभी को अचम्भित कर गया.
किशोर कौशल द्वारा किया गया संचालन
इस कार्यक्रम का कुशल संचालन किशोर कौशल द्वारा किया गया. वादकों की मंडली में बाँसुरी पर सतीश पाठक, सितार यतीन्द्र वेद, तबला मोहित राज, पखावज प्रफुल्ल मांगराज, आकटोपैड पर धर्मेश तथा हारमोनियम पर स्वयं पंडित विश्व प्रकाश ने गायन एवं नृत्य में अपने उत्कृष्ट संगत से सभी का मन मोह लिया.
मास्क और सामाजिक दूरी का रखा गया ध्यान
संगीतकार पंडित विश्व प्रकाश ने कहा कि मैं लन्दन में एक संगीत विद्यालय का संचालन करता हूं और कई देशों में कार्यक्रम करता रहा हूं पर भारत मेरे हृदय और संगीत दोनों में ही बसता है. इस उपलक्ष्य पर वरिष्ठ कवि-गीतकार एवं फ़िल्मकार डॉ राजीव श्रीवास्तव ने 'एक गीतकार-एक संगीतकार' विषय-वस्तु पर आधारित इस साहित्यिक-सांगीतिक समागम पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्यिक गीतों का इस प्रकार का स्वरबद्ध आयोजन एक सुन्दर प्रयास है तथा इसकी सफलता भविष्य में ऐसे ही सुरुचिपूर्ण कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करने में एक ठोस भूमिका निभाएगी. पंडित विश्व प्रकाश के संगीत एवं उनके उदार व्यक्तित्व से प्रेरणा ले कर युवा संगीतकारों को भी साहित्यिक रचनाओं को अपने सृजन का केन्द्र बिन्दु बनाना चाहिए. कोरोनाकाल में आयोजित हुए इस कार्यक्रम के सम्बन्ध में 'संगीत नाटक अकादमी' की उप सचिव डॉ. रीता स्वामी चौधरी ने बताया कि कोरोना नियमों का ध्यान रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मास्क और सामाजिक दूरी का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है.
पं. विश्व प्रकाश द्वारा गाए गए भावपूर्ण गीत से कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति पं. विश्व प्रकाश द्वारा गाए भावपूर्ण गीत 'तुमने फिर आज मुझको रुला ही दिया' थी. भावनात्मक रूप से गीत-संगीत में पूर्णतया रच-बस गए दर्शकों-श्रोताओं को इस गीत ने भावुक कर दिया. इसी गीत के गहन भाव में डूबते-उतराते उपस्थित लोगों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही यह साहित्यिक-सांगीतिक संगीतमय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
WATCH LIVE TV