Adipurush Controversy : ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म 'आदिपुरुष' इसी हफ्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. रिलीज के बाद फिल्म के डायलॉग को लेकर इस पर बैन लगाने की मांग की गई. अब लेखक मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है.
Trending Photos
Adipurush Controversy : फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर छिड़ा विवाद थमता नजर आ रहा है. फिल्म के डायलॉग को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया गया है. लेखक मनोज मुंतशिर ने कहा है कि विवादित डायलॉग बदले जाएंगे. इसके बाद लगता है कि विवाद थम जाएगा.
शुक्रवार को रिलीज हुई थी फिल्म
बता दें कि ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म 'आदिपुरुष' इसी हफ्ते सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. रिलीज के बाद फिल्म के डायलॉग को लेकर इस पर बैन लगाने की मांग की गई. अब लेखक मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है.
सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा
लेखक मनोज मुंतशिर ने लिखा कि "रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. 'आदिपुरुष' में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं.
रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना.
सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है.
आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं.
उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान…— Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) June 18, 2023
मेरे चाहने वालों में इतनी कड़वाहट कहां से आई
उन्होंने लिखा, मेरे भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे. वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर कई बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया. मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्रीराम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे.
फिल्म के गाने लिखे
मनोज मुंतशिर ने लिखा, "हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया. क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? 'आदिपुरुष' में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं.
‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है.
Handcrafted cow dung jewelry: अरे ये क्या! गाय के गोबर से बन रहे हैं गहने, डिजाइन ऐसे की नज़र ना हटे