Prayagraj Advocate Nabi Ahmed Murder Case: इलाहाबाद कचहरी में 11 मार्च 2015 को अधिवक्ता नबी अहमद पर दारोगा शैलेंद्र सिंह ने फायर कर दिया था. गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में दारोगा को उम्रकैद की सजा मिली है.
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Advocate Nabi Ahmed Murder Case: प्रयागराज (Prayagraj News) में कचहरी के भीतर वकील को गोली मारने के मामले में आरोपी दारोगा शैलेन्द्र सिंह (SI Shailendra Singh) को अदालत ने आजीवन कारावास ( Life imprisonment) की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. जिला न्यायालय में दिनदहाड़े हुई इस वारदात के बाद कचहरी से लेकर हाईकोर्ट के बाहर तक वकीलों ने जमकर बवाल किया था. इसके विरोध में देशभर के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया था. यहां तक की देश की सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में भी हड़ताल हुई थी.
क्या है पूरा मामला?
मामला सात साल पहले यानी 2015 का है. उसी साल 11 मार्च को प्रयागराज की कचहरी में दारोगा शैलेन्द्र सिंह एक गवाही के मामले में आये थे. शैलेन्द्र सिंह की उस समय शंकरगंज थाने की नारी बारी चौकी में तैनाती थी. उसी समय अधिवक्ता नबी अहमद ने शैलेन्द्र की थाना कीडगंज में तैनाती के दौरान उनके एक मामले में एफआर लगाए जाने को लेकर शिकायत की. इसी बात को लेकर दारोगा और अधिवक्ता नबी अहमद के बीच धक्का-मुक्की हो गई. वहां लोगों ने बीच बचाव कर दोनों को अलग कर दिया था. थोड़ी देर बाद ही सीजेएम कोर्ट के सामने दारोगा शैलेन्द्र को अधिवक्ताओं के झुंड ने घेर लिया था. इसी बीच शैलेन्द्र ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायर कर दिया, जिससे अधिवक्ता नबी अहमद की मौत हो गई थी.
रायबरेली सत्र न्यायालय में ट्रांसफर हो गया था केस
शैलेन्द्र सिंह को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उधर पुलिस महकमे ने भी दारोगा को बर्खास्त कर दिया था. मामला अधिवक्ताओं से जुड़ा होने के चलते इस केस का ट्रायल रायबरेली सत्र न्यायालय में ट्रांसफर हो गया था. यहां पूरे मामले की कल पूरी सुनवाई हुई. जिसके बाद आज जिला जज अब्दुल शाहिद ने दारोगा शैलेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
हाई कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा
वहीं दारोगा का कहना है कि न्यायालय के फैसले का सम्मान है, लेकिन अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे. बता दें कि आरोपी दारोगा रायबरेली जेल में पिछले सात साल से बंद है.