AI का कमाल VDO परीक्षा में धरे गए नकली परीक्षार्थी, चेहरे की पहचान से पकड़े गए 200 सॉल्वर
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AI का कमाल VDO परीक्षा में धरे गए नकली परीक्षार्थी, चेहरे की पहचान से पकड़े गए 200 सॉल्वर

VDO Exam 2023 : यूपी पुलिस ने AI यानी आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस के फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी की मदद से नकलचियों तक पहुंच रही है. इसका ताजा उदाहरण  UPSSSC की ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा में देखने को मिला है. 

सांकेतिक तस्‍वीर

VDO Exam 2023 : यूपी की योगी सरकार लगातार नकलचियों और सॉल्‍वर गैंग पर शिकंजा कस रही है. इसी बीच यूपी पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है. यूपी पुलिस ने AI यानी आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस के फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी की मदद से नकलचियों तक पहुंच रही है. इसका ताजा उदाहरण  UPSSSC की ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा में देखने को मिला है. यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ ने करीब 200 मुन्‍ना भाइयों को गिरफ्तार किया है. माना जा रहा है कि सॉल्‍वर गैंग के खिलाफ यूपी पुलिस का यह सबसे बड़ा हथियार साबित होगा.   

सॉल्‍वर गैंग की मंशा पर फ‍िरा पानी 
दरअसल, यूपीएसएसएससी (UPSSSC) की ओर से ग्राम विकास अधिकारी (VDO) की परीक्षा आयोजित की गई थी. हर परीक्षा की तरह वीडीओ परीक्षा में भी सॉल्‍वर गैंग सेंध लगाने की कोशिश में थी. हालांकि, यूपीएसएसएससी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर के जरिए सॉल्‍वर गैंग की मंशा पर पानी फेर दिया है. UPSSSC ने दूसरे की जगह परीक्षा देने की कोशिशों को नाकाम करते हुए 186 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है. वहीं जिला पुलिस और एसटीएफ ने करीब 90 अभ्यर्थियों को नकल के प्रयास में गिरफ्तार किया है. 

इन जिलों में मामले सामने आए 
जानकारी के मुताबिक, यूपी के कानपुर, लखनऊ, जौनपुर में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल की कोशिश का मामला सामने आया. ब्लूटूथ डिवाइस के साथ जिन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया उन्होंने पुलिस पूछताछ में बताया कि एक गिरोह की ओर से उनको यह ब्लूटूथ डिवाइस दी गई थी. इसमें कान में छोटा सा ईयर बड लगा होता है और यह एक सिमकार्ड के जरिए कनेक्ट रहता है. इससे ये डिवाइस एक मोबाइल फोन की तरह काम करती है. 

डेबिट कार्ड में लगा मिला चिप 
ये सिमकार्ड एक माचिस की डिबिया जैसी डिवाइस में लगा बरामद हुआ तो एक जगह डेबिट कार्ड में जिस जगह चिप लगी होती है वहां लगा हुआ पाया गया. परीक्षा केंद्र से बाहर बैठा सॉल्वर अभ्यर्थी को इसी ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए सवालों के सही जवाब बताने का ठेका लेता है. कुछ मामलों में इस तरीके से नकल कराने की कोशिश भी हुई, लेकिन पुलिस और एसटीएफ के चलते यह कोशिश नाकाम हो गई.

ऐसे करते हैं जांच 
बताया गया कि आवेदन के समय अभ्‍यर्थी अपनी फोटो लगाते हैं. इसके बाद परीक्षा के लिए जो एडमिट कार्ड जारी होता है उसमें भी अभ्‍यर्थी की फोटो लगी होती है. इसके बाद जब अभ्‍यर्थी परीक्षा देने सेंटर पर पहुंचता है तो उसकी आइरिस करते हैं. यानी आइरिस पहचान बायोमेट्रिक पहचान की एक स्वचालित विधि है जो किसी व्यक्ति की आंखों की रेटिना के जरिए की जाती है. इसके बाद डेटा बेस से मैच करकर फेस रिकग्निशन इंडेक्स निकाला जाता है. अगर रिकग्निशन रेश्यो 40% से कम हो तो फिर गड़बड़ मानते हैं. 

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