संभल:  यूपी विधानसभा चुनाव 2022   (UP Assembly Elections 2022) से पहले जिन्ना (Muhammed Ali Jinnah) को लेकर दिए गए विवादित पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चौतरफा घिर गए. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अखिलेश के बयान की तीखी आलोचना की, तो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी सपा पर जमकर वार किया था. इतना ही नहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) ने भी ट्वीट करअखिलेश पर हमला किया, साथ-साथ भाजपा को भी घेरे में लेने की कोशिश की थी.


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मायावती ने कहा था कि सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर दिया गया बयान सपा और बसपा की मिलीभगत है. अब इन सबको जवाब देने सपा के नेता भी मैदान में उतरने लगे हैं. वे अखिलेश के बयान को तालिबानी सोच बताने से खफा हैं. इनमें पहला मोर्चा संभाला है संभल से समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) ने. 


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बर्क ने किया अखिलेश का बचाव
जिन्ना को लेकर अखिलेश यादव के बयान के बाद संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क उनके सपोर्ट में उतरते दिखे. सीएम योगी ने जहां, अखिलेश के बयान को तालिबानी सोच बताया था, वहीं बर्क का कहना है कि यह तालिबानी सोच नहीं है. न अखिलेश यादव ऐसे ख्यालात रखते हैं. अगर सवाल पूछा गया है, तो उसका कुछ जवाब तो दिया ही जाएगा. इसमें 'तालिबानी सोच' कहां से आ गई. यह गलत है.


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हरदोई विजय रथ यात्रा के दौरान दिया था बयान
मालूम हो, बीते रविवार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना और सरदार पटेल को लेकर बयान दिया था. हरदोई में विजय रथ लेकर पहुंचे अखिलेश ने कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बने थे. साथ पढ़े, रहे और साथ ही उन्होंने आजादी दिलाई. यह बयान देते ही अखिलेश यादव को विरोधी दलों ने घेरे में लेना शुरू कर दिया.


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