हाईकोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाई को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए. ये नोटिस एनसीआर में पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ईट भट्टों के संचालन पर जारी किया गया है. यह आदेश जस्टिस अब्दुल मोइन ने सोमवीर की अवमानना याचिका पर दिया.
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पवन कुमार त्रिपाठी/गौतमबुद्धनगर: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) ने उत्तर प्रदेश के दो जिले गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर (Gautam Buddha Nagar and Bulandshahr) के जिलाधिकारियों के खिलाफ एनसीआर में प्रदूषण (Pollution) को नियंत्रित करने के लिए सभी ईंट भट्टों को बंद करने के न्यायालय के आदेश का पालन न करने के संबंध में अवमानना नोटिस जारी किया है.
बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के डीएम को कारण बताओ नोटिस
हाईकोर्ट ने बुलंदशहर के डीएम चंद्रप्रकाश सिंह और गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाई को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि हाईकोर्ट द्वारा 2014 में दिए आदेश का पालन न किए जाने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए. ये नोटिस एनसीआर में पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर अवैध रूप से ईट भट्टों के संचालन पर जारी किया गया है. यह आदेश जस्टिस अब्दुल मोइन ने सोमवीर की अवमानना याचिका पर दिया.
जनहित याचिका पर आदेश पारित किया
याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अनूप त्रिवेदी, विभू राय का कहना था कि हाईकोर्ट ने 2014 में एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया था जिसमें पर्यावरण मानकों और ईंट-भट्ठा नियमों का उल्लंघन करके चलाए जा रहे भट्ठों को तत्काल बंद कराया जाएं.
दिए थे ईंट-भट्टे बंद करने के निर्देश
इसके बाद अक्टूबर 2021 में एनजीटी के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र सभी ईंट-भट्टे बंद करने के निर्देश दिए. याची ने अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया. इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ईट भट्टों का संचालन अभी भी किया जा रहा है, जो कि कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है.
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