राम-कृष्ण के बिना भारत अधूरा, अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं को नहीं पहुंचा सकते ठेस- हाईकोर्ट
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1003641

राम-कृष्ण के बिना भारत अधूरा, अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं को नहीं पहुंचा सकते ठेस- हाईकोर्ट

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्री राम और श्री कृष्ण को लेकर सोशल साइट्स पर की गई अश्लील टिप्पणी के आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं हैं, इसके लिए कुछ प्रतिबंध भी हैं. 

राम-कृष्ण के बिना भारत अधूरा, अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं को नहीं पहुंचा सकते ठेस- हाईकोर्ट

मो.गुफरान/प्रयागराज: अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणियों को लेकर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्री राम और श्री कृष्ण को लेकर सोशल साइट्स पर की गई अश्लील टिप्पणी के आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं हैं, इसके लिए कुछ प्रतिबंध भी हैं. अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है.

राम के बिना भारत अधूरा, महापुरुषों, संस्कृति का सम्मान जरुरी- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि राम के बिना भारत अधूरा है. जिस देश में रह रहे हैं, उस देश के महापुरुषों, संस्कृति सम्मान करना जरुरी है. कोई ईश्वर को मानें या न मानें, लेकिन उसे किसी की आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार बिल्कुल नहीं है. कोर्ट ने कहा हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् की रही है. हम सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मां कश्चित दुःख भाग भवेत की कामना करने वाले लोग हैं. 

आरोपी को सशर्त मिली जमानत
कोर्ट ने भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ सोशल साइट्स फेसबुक पर अश्लील टिप्पणी करने वाले आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को दुबारा ऐसे अपराध न करने की चेतावनी देते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कहा कि याची पिछले 10 माह से जेल में बंद हैं. विचारण शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दाताराम केस का हवाला देते हुए कहा कि जमानत अधिकार है और जेल अपवाद. इसलिए याची को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

जस्टिस शेखर कुमार यादव की एकलपीठ ने हाथरस के आकाश जाटव की जमानत अर्जी पर लंबी सुनवाई के बाद 26 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. याची का कहना था कि 28 नवंबर 19 को किसी ने उसकी फर्जी आई डी तैयार कर अश्लील पोस्ट डाली. वह निर्दोष है और यह भी तर्क दिया कि संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी है. जिसे अपराध नहीं माना जा सकता. 

सरकारी वकील ने कहा कि याची अहमदाबाद अपने मामा के घर गया था. जहां अपना सिम कार्ड मामा के लड़के के मोबाइल फोन में लगाकर अश्लील पोस्ट डाली है. एफआईआर दर्ज होते ही मोबाइल फोन व सिम कार्ड तोड़कर फेंक दिया. कोर्ट ने कहा संविधान में मूल अधिकार दिए गए हैं. उसी में से अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार भी है लेकिन इससे किसी व्यक्ती को दूसरे धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं मिल जाता. 

अफवाह-अश्लीलता फैलना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि अपराध- कोर्ट
कोर्ट ने यह भी कहा की ईद पर गोवध पर पाबंदी है, वध करना अपराध है, सूचना प्रौद्योगिकी कानून में भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम गैर जमानती अपराध है. अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है. राज्य सुरक्षा, अफवाह फैलाना, अश्लीलता फैलाना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, बल्कि यह अपराध है.

कोर्ट ने कहा हमारे ऋषि मुनियों ने इंसान को भगवान बनने के रास्ते दिखाये है. टैगोर जी ने कहा कि रामायण महाभारत में भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं. महात्मा गांधी के जीवन में भी राम का महत्व रहा है. सामाजिक समरसता रामायण से इतर कहीं नहीं दिखती. सबरी के जूठे बेर खाने से लेकर निषादराज को गले लगाने तक सामाजिक समरसता का ही संदेश दिया गया है.

राम-कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी माफी योग्य नहीं है. हिन्दुओं में ही नहीं मुसलमानों में भी कृष्ण भक्त रहे हैं. कोर्ट ने उदाहरण के तौर पर बताया कि रसखान, अमीर खुसरो, आलम शेख, वाजिद अली शाह, नज़ीर अकबराबादी राम कृष्ण भक्त रहे हैं. कोर्ट ने कहा ऐसे में अभिव्यक्ति के नाम पर असीमित स्वतंत्रता नहीं दी जा सकती, और देश में अगर राम कृष्ण का अपमान होता है तो यह पूरे देश का अपमान है, जो बिल्कुल बर्दाश्त के लायक नहीं है. 

WATCH LIVE TV

 

Trending news