अमित शाह अपने इस दौरे में भाजपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और अन्य नेताओं को 2022 यूपी चुनाव में जीत की राह आसान बनाने के गुर सिखाएंगे.
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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में सत्ता का वनवास खत्म करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाने वाला 2022 चुनाव के लिए एक बार फिर कमर कस चुका है. इस बार लक्षय है, '350 पार, फिर एक बार योगी सरकार' का. जी हां हत बात कर रहे हैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की, जो यूपी चुनाव में सक्रिय होने वाले हैं. वह इस 29 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी की तैयारियों को धार देने राजधानी लखनऊ आ रहे हैं.
भाजपा ने 4 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है
अमित शाह अपने इस दौरे में भाजपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और अन्य नेताओं को 2022 यूपी चुनाव में जीत की राह आसान बनाने के गुर सिखाएंगे. साथ ही पार्टी की सदस्यता अभियान को गति देंगे. यूपी में भाजपा ने 4 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट रखा है, इस वक्त करीब 2.30 करोड़ सदस्य हैं. भाजपा को 1.70 करोड़ नए सदस्य और बनाने हैं. माना जा रहा है कि इसके पीछे अमित शाह की ही रणनीति है.
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यूपी में भाजपा 350 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही
दरअसल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगियों को करीब 3.60 करोड़ वोट मिले थे, जिसके दम पर एनडीए ने 325 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार भाजपा ने 350 से ऊपर सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए हर बूथ पर सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर फोकस है. यूपी में इसकी जिम्मेदारी खुद भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल संभाल रहे हैं.
BJP का टारगेट फर्स्ट टाइम वोटर्स को साथ लाना
भाजपा का यह भी टारगेट है कि 18 साल से ऊपर के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को पार्टी कर सदस्यता से जोड़ा जाए. यूपी में 18 से 19 साल के 7.42 लाख मतदाता हैं. इसके अलावा 18 से 40 साल के मतदाताओं को भाजपा का वोटर बनाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. पार्टी के साथ नए सदस्यों को जोड़ने का जिम्मा मंत्रियों, विधायकों और सांसदों से लेकर निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को भी दिया गया है. गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के इस अभियान को गति देने लखनऊ आ रहे हैं.
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यूपी की चुनावी नब्ज को बखूबी समझते हैं शाह
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश की चुनावी नब्ज को भली भांति समझते हैं. यूपी में भाजपा को संजीवनी बुटी देने का श्रेय अमित शाह को दिया जाता है. वह 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी बनाए गए थे. अमित शाह ने यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई. न केवल लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों के साथ भाजपा को यूपी की 80 में से 73 सीटें दिलवाई, बल्कि भाजपा ने 2017 में विधानसभा चुनाव में 325 सीटें हासिल की. इस जीत के पीछे गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित का अजेय समीकरण का हाथ रहा, जिसके जनक अमित शाह हैं.
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