Amroha: अमरोहा में फर्जी मदरसे की मास्टरमाइंड निकली महिला, हर साल लाखों का वेतन उठा रहे थे कागजी मदरसा टीचर
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Amroha: अमरोहा में फर्जी मदरसे की मास्टरमाइंड निकली महिला, हर साल लाखों का वेतन उठा रहे थे कागजी मदरसा टीचर

Amroha News: यूपी के अमरोहा में एक रिटायर्ड अध्यापिका (Retired School Teacher) पर फर्जी मदरसे (Farzi Madrasa) के नाम पर सरकार को लाखों का चूना लगाने का आरोप है. यहां एक छोटी सी गलती से पूरे गैंग की पोल खुल गई. 

File Photo

विनीत अग्रवाल/अमरोहा: उत्तर प्रदेश के सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) को खत्म करने के लिए लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन अफसर अपनी हरकतों से बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी मदरसे (Farzi Madrasa) को दिखाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया. मामला खुलने के बाद डीआईजी मुरादाबाद के आदेश पर डीआईओएस, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बैंक प्रबंधक समेत 15 लोगों के खिलाफ सरकारी पैसे का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. 

यह है पूरा मामल
आपको बता दें की नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी सिकंदर अली ने रिटायर्ड शिक्षिका शहाना बेगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है की सेवानिवृत्त प्रधान अध्यापिका शहाना बेगम अपने बेटों, बेटियों और दामादों के साथ मिलकर फर्जी तरह से अनेकों सोसाइटी, एनजीओ, स्कूल-मदरसों का संचालन करती हैं, जबकि ये संस्थाएं मौजूद नहीं हैं. आरोप है कि ये लोग गिरोह बनाकर षड्यंत्र के तहत सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. फर्जी तरीके से ये छात्रों का नामांकन संस्था में कर लेते हैं.

नौकरी के नाम पर लिए डॉक्यूमेंट्स
जानकारी के मुताबिक पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अब्दुल मजीद ने अपनी बेटी की शादी शहाना बेगम के बेटे फराज अहमद से की है. आरोपी शहाना बेगम का एक बेटा जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है. यह सभी लोग शहर के पढ़े-लिखे युवक युवतियों को मदरसे में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. सिकंदर अली खुद भी उनके बनाए हुए जाल में फंस गए. आरोप है कि वर्ष 2015-16 में मदरसा कनीज उल अमान में मॉडर्न टीचर नियुक्त करने के बहाने आरोपियों ने उनके सभी शैक्षिक डॉक्युमेंट्स, फोटो वोटर कार्ड ले लिया. नियुक्ति करने के नाम पर मोटी रकम मांगी, जिसे वह पूरा नहीं कर सके, लिहाजा उन्हें नौकरी नहीं मिली.

ऐसे हुआ खुलासा
बीते 20 जुलाई 2021 को एक्सिस बैंक अमरोहा की ओर से सिकंदर अली को एटीएम कार्ड प्राप्त हुआ. जिसके कवर पर शहाना बेगम का मोबाइल नंबर पड़ा हुआ था. यह देख कर सिकंदर चौक गए और तुरंत बैंक गए. बैंक मैनेजर से पता चला कि बैंक में पिछले पांच सालों से यह खाता संचालित हो रहा है. हर महीने खाते से वेतन भी निकाला जा रहा है, खाते से 4.35 लाख रुपये निकाले जा चुके हैं. खाते में पैसा उत्तर प्रदेश सरकार के मदरसा बोर्ड की ओर से आ रहा है. रुपयों की निकासी एटीएम से की जाती है. रिकॉर्ड चेक करने पर पता चला कि खाते में न तो आधार कार्ड लगा है और न पैन कार्ड. खाते में शहाना बेगम का मोबाइल नंबर दर्ज था.

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इसके बाद सिकंदर अली ने इस संबंध में 8 अक्तूबर 2021 को जिला विद्यालय निरीक्षक और शहाना बेगम के परिवार के स्कूलों के बारे में सूचनाएं मांगी. बैंक प्रबंधक से अपने खाते के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन उनके द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नरेश कुमार से मदरसा उल अमान के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने आधी-अधूरी जानकारी दी. फिलहाल इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

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