Ayodhya के 8,000 से ज्यादा मंदिरों में मनाया जा रहा 'अन्नकूट महोत्सव', रामलला के दर्शन का बदला समय
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Ayodhya के 8,000 से ज्यादा मंदिरों में मनाया जा रहा 'अन्नकूट महोत्सव', रामलला के दर्शन का बदला समय

Ram Mandir: अयोध्या में 'अन्नकूट महोत्सव' की धूम है. राम नगरी 8,000 से ज्यादा मंदिरों में विराजमान भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है... 

Ayodhya के 8,000 से ज्यादा मंदिरों में मनाया जा रहा 'अन्नकूट महोत्सव', रामलला के दर्शन का बदला समय

अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या में 'अन्नकूट महोत्सव' की धूम है. दरअसल, अयोध्या के 8000 से ज्यादा मंदिरों में विराजमान भगवान को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. भोग लगे प्रसाद को भंडारे के तौर पर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है. अन्नकूट के प्रसाद को लेने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु राम नगरी पहुंचते हैं. वहीं आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के दर्शन और आरती की अवधि में बदलाव किया है.

प्राचीन परंपरा के अनुसार भगवान राम जब लंका विजय पर 14 साल का वनवास काट अयोध्या पहुंचे थे उसके बाद अयोध्या वासियों ने दीपक जलाकर दीपावली मनाया था. वनवास में प्रभु राम को भोजन और व्यंजन नहीं मिला, यह सोचकर नगर वासियों ने पकवान बनाकर भगवान को समर्पित किया था. इसलिए 56 व्यंजन भगवान को समर्पित किया जाता है.

रामलला के प्रधान पुजारी ने दी जानकारी 
इस मामले में रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्ष में एक बार अन्नकूट आता है. दीपावली के बाद अन्नकूट मनाया जाता है. भगवान राम के लंका विजय कर अयोध्या आने पर अयोध्या वासियों ने बड़े उत्साह के साथ दीपावली मनाई. आचार्य ने कहा कि 14 वर्ष तक भगवान राम वन में रहे. इस दरमियान उनके खानपान की व्यवस्था भी नहीं थी. तब भगवान राम ने कंद मूल फल खाकर 14 साल बिताया.

भगवान राम के अयोध्या आने पर अयोध्या वासियों ने 56 प्रकार के व्यंजन बनाकर के भगवान को समर्पित किया. ये प्राचीन परंपरा तभी से चली आ रही है. इसलिए सभी मंदिरों में अन्नकूट मनाया जाता है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम मंदिर में भी 56 व्यंजनी के भोग लगाए गए हैं. ये 56 व्यंजन मंदिर पर ही बनाए गए हैं.

जागरण आरती के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन 
आपको बता दें कि रामलला के दर्शन अवधि आरती की अवधि में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बदलाव किया है. अब सुबह 6:30 बजे राम लला की जागरण आरती होगी. इसके अलावा 30 भक्त जागरण आरती में शामिल हो सकेंगे. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कैंप कार्यालय पर जागरण आरती के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सुरक्षा मानक को पूरा करने के बाद 30 भक्तों को जागरण आरती में प्रवेश करने दिया जाएगा.

आपको बता दें कि रामलला के दर्शन की अवधि में भी बढ़ोतरी किया गया है. सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर सकेंगे. भोग आरती में भी 30 भक्त ही शामिल हो सकेंगे. 12:00 बजे दोपहर में भोग आरती होगी. दूसरी पाली में 2:00 बजे दोबारा रामलला के कपाट खुलेंगे. इसके बाद शाम 7:00 बजे तक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे. जिसके बाद शाम 7:30 बजे भोग आरती होगी. भोग आरती में 60 भक्त शामिल हो सकेंगे. इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कैंप कार्यालय से प्रवेश पत्र लेना होगा. इसके लिए 29 अक्टूबर से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दर्शन अवधि में विस्तार शुरू कर रहा है. 

आपको बता दें कि ये जानकारी श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी. बता दें कि पहले सुबह 7:00 से 11:00 और शाम 2:00 बजे से 6:00 बजे तक ही रामलला का दर्शन होता था. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद से रामलला के दर्शन अवध में शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन ऋतु में बदलाव नहीं किया जाता था. अब स्थाई तौर पर इस समय अवधि में बढ़ोतरी की गई है.

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