Ayodhya Temple opening date: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. जानिए मंदिर के निर्माण की वर्तमान स्थित क्या है और और रामलला कब तक भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. साथ ही श्रद्धालुओं कब से दर्शन कर पाएंगे.
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Ayodhya Ram mandir Opening Date: अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. वहीं अब मंदिर निर्माण कार्य के पूरा होने के साथ ही दर्शन को लेकर भी तारीख साफ होती नजर आ रही है. राममंदिर का अब तक निर्माण कार्य कितना पूरा हुआ है और वर्तमान स्थिति क्या है, रामलला मंदिर में कब विराजमान होंगे, श्रद्धालु कब से दर्शन कर पाएंगे. इन सभी की जानकारियां आपको यहां मिलेंगी.
मकर संक्रांति पर गर्भगृह में रामलला होंगे विराजमान ( Ram Mandir Opening date )
जनवरी 2024 के मकर संक्रांति पर यानी 365 दिन बाद सूर्य उत्तरायण होते ही राम जन्मभूमि मंदिर के मूल गर्भगृह में भगवान श्री रामलला विराजमान होंगे, इस दौरान भव्य आयोजन किया जाएगा. यह दिन अयोध्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि राम जन्मभूमि में पौष शुक्ल तृतीया के दिन प्राकट्य हुआ था. अगले वर्ष यह तिथि मकर संक्रांति को ही पड़ रही है. 75 साल बाद गर्भगृह में भगवान का स्वरूप भव्य हो जाएगा.
राम लला की खड़े अवस्था में मूर्ति की होगी प्राण-प्रतिष्ठा ( Ramlala Murti Size)
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर में श्री रामलला की खड़े अवस्था में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेगा. जिसकी स्वीकृति भी ट्रस्ट की बैठक में मिल चुकी है. राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में रामलला की एक छोटी मूर्ति विराजमान है, लगभग 30 फिट की दूरी से ही दूर दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिल रहा है. जिसके कारण हर कोई अपने आराध्य के दर्शन नही कर पा रहे हैं. अब राम मंदिर के मूल गर्भगृह में रामलला की बड़ी मूर्ति लगाए जाने का फैसला ट्रस्ट में लिया है.
रामलला की मूर्ति के आकार और स्वरूप को लेकर मंथन
ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय बताते हैं कि भगवान राम लला के स्थाई मूर्ति के स्वरूप पर मंथन शुरू हो गया है. रामलला के मूर्ति के आकार और स्वरूप को लेकर मंथन का दौर जारी है. बीते दिनों ट्रस्ट की बैठक के बाद भगवान रामलला के मंदिर में स्थापित की जाने वाली स्थाई मूर्ति नीलांबुज रंग की होगी. मूर्ति के आकार और प्रकार को लेकर मूर्ति कला में पदम श्री पुरस्कार से पुरस्कृत मूर्तिकारों को स्थाई मूर्ति के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
मूर्ति के आकार को लेकर चर्चा हुई तो शास्त्र संवत बालक राम की भगवान रामलला के मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति 5 वर्षीय बालक के स्वरूप पर होगी. जिसमें मूर्ति की ऊंचाई लगभग साढ़े 8 फीट ऊंची रखी जाएगी. ताकि रामलला के जन्मोत्सव के दरमियान भगवान के मस्तक को सूर्य की किरण तिलक लगा सके.
रामलला के प्रधान पुजारी भी रामलला के मूर्ति को लेकर कहते हैं कि रामलला की मूर्ति आकाशीय रंग की होने चाहिए. कहा कि भगवान रामलला का स्वरूप और आकार शास्त्र सम्मत के साथ धार्मिक मान्यता वाला होगा. राम जन्मभूमि परिसर में भगवान रामलला अपने चारों भाइयों के साथ बालक स्वरूप में विराजमान हैं, ऐसे में जो मूर्ति प्रतिष्ठित की जाएगी वह पंचवर्षीय बालक के सामान होगी. इसके साथ ही मूर्ति के रंग को लेकर शास्त्र में वर्णित बहुचर्चित श्लोक नीलांबुज-श्यामल कोमलाङ्ग की तर्ज पर ही भगवान की मूर्ति का स्वरूप और आकार रखा जाएगा.
जनवरी 2024 में भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे रामलला
राम जन्मभूमि में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है .मंदिर निर्माण से जुड़े हर एक पहलू की फोटो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से मिली है. ट्रस्ट का दावा है कि अगले 1 वर्ष में भगवान राम लला के गर्भ ग्रह सहित पांच मंडप को तैयार कर लिया जाएगा. जनवरी 2024 मकर संक्रांति के दिन भगवान रामलला विराजमान हो जाएंगे.
कहां तक पहुंचा राम मंदिर निर्माण कार्य ( Ayodhya Temple construction status)
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण का 60 प्रतिशत से अधिक कार्य संपन्न हो चुका है. मंदिर में 166 पिलर लगाए जा रहे हैं. जिसमें भगवान की गर्भगृह सहित सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुड़ मंडप और दोनों तरफ कीर्तन मंडप का निर्माण हो रहा है.
तेजी से किया जा निर्माण कार्य
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राजस्थान के पत्थरों से मंदिर को तैयार किया जा रहा है. इन पत्थरों पर वैदिक परंपरा के मुताबिक नक्काशी की गई है. मंदिर निर्माण के लिए एलएंडटी और टाटा के लगभग 300 से अधिक वर्कर 3 शिफ्टों में कार्य कर रहे हैं. इसके लिए चार क्रेन टावर, 10 छोटे क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
नीचे देखें फोटो (Ram Mandir Photos)
परकोटा निर्माण भी हुआ शुरू
मंदिर के चारों तरफ से लगभग 8 एकड़ की परिधि में मंदिर के तर्ज पर परकोटा निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है. इस परकोटे में तीन अलग-अलग द्वार भी होंगे. जिन्हें राजस्थान के पत्थरों से ही तैयार किया जाएगा. ट्रस्ट के मुताबिक 800 की परिधि में बनने वाले परकोटा में लगभग 17 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे.
मंदिर में लगेंगी 7 हजार देवी-देवताओं की मूर्तियां
गर्भगृह के चारों तरफ बन रहे मोटी दीवारों पर भी अलग-अलग दिशाओं में देवी देवताओं के छोटी मूर्तियां लगाई जाएंगी. ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर में 7000 देवी देवताओं की मूर्तियां होंगी, जो मंदिर के गर्भगृह को सुशोभित करेंगे. गर्भगृह के चारों तरफ 4 मीटर चौड़े परिक्रमा मार्ग को भी तैयार किया जा रहा है.