आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन: उत्तराखंड में डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का काम तेज, मिलते हैं ये फायदे
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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन: उत्तराखंड में डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का काम तेज, मिलते हैं ये फायदे

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड की जनता का हेल्थ आईडी बनाई जानी है. इस हेल्थ कार्ड में व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी रहेगी. 

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन: उत्तराखंड में डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का काम तेज, मिलते हैं ये फायदे

Ayushman Bharat Scheme: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत बन रही हेल्थ आईडी के महत्व को लेकर उत्तराखंडवासियों काफी जागरूक नज़र आ रहे हैं. इसी का नतीजा है कि कम समय में ही प्रदेश में 22 लाख 44 हजार 889 लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी है. 

केंद्र की ओर से संचालित आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) योजना के अंतर्गत प्रदेश में रहने वाले हर व्यक्ति की हेल्थ आईडी बनाई जानी है. जिसमें उसके स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारियां रहेंगी. इसके अलावा 913 (HPR) चिकित्सा सेवाएं देने वालों डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ में नर्सों ने स्वयं को इस मिशन में पंजीकृत कर दिया है. 

वहीं HFR के अंतर्गत चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने वाले 130 अस्पतालों ने भी खुद को ABDM में पंजीकृत कर दिया है. डिजिटल हेल्थ आईडी, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) को बनाने का काम निरंतर चल रहा है. जाहिर तौर पर इस रफ्तार का अहम कारण यह भी है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से इसके लिए खासे प्रयास किए जा रहे हैं. 

प्रदेश में ABDM की प्रगति आंकड़ों में, क्या हैं ABDM के फायदे
डिजिटल हेल्थ आईडी 22,44,889 , हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री 913 , हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री 130 कार्ड धारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित स्टोर होंगी. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के जरिए अपने चिकित्सक को लेकर उसका अध्ययन और विशेषज्ञता के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सकेंगी. इसके साथ ही हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्रेशन से हर कोई मरीज अस्पताल में स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्मिक की विशिष्टता, विशेषज्ञता व अनुभव के बारे में जानकारी ले सकेगा. 

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