Bahraich: मां का हो चुका देहांत, पिता चलाते हैं DM की गाड़ी, बेटा 40वीं रैंक लाकर बना SDM
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Bahraich: मां का हो चुका देहांत, पिता चलाते हैं DM की गाड़ी, बेटा 40वीं रैंक लाकर बना SDM

Bahraich News: बहराइच में जिलाधिकारी के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात हैं, जिनका बेटा PCS 2021 की परीक्षा में 40वीं रैंक लाकर SDM बन गया. 

Bahraich: मां का हो चुका देहांत, पिता चलाते हैं DM की गाड़ी, बेटा 40वीं रैंक लाकर बना SDM

राजीव शर्मा/बहराइच: हर पिता का सपना होता है कि उनका बेटा नाम रोशन करे. बहराइच जिले में ख्वाब को हकीकत में बदलने का काम कर एक बेटे ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. पिता बहराइच में जिलाधिकारी के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात हैं, जिनका बेटा PCS 2021 की परीक्षा में 40वीं रैंक लाकर SDM बन गया. बेटे की सफलता की ख़बर पाकर पिता की आंख में खुशी के आंसू छलक पड़े.

बहराइच जिले के थाना फखरपुर इलाके के केतारपुरवा तखवा गांव निवासी कल्याण सिंह मौर्या मौजूदा समय में एनटीपीसी (NTPC) मे सहायक प्रबंधक पद पर सोलापुर मुंबई में कार्यरत हैं. उनके पिता जवाहर लाल मौर्य बहराइच में जिलाधिकारी के वाहन चालक हैं. जबकि मां का तकरीबन 5 वर्ष पहले निधन हो चुका है. कल्याण सिंह मौर्य ने लोक सेवा आयोग द्वारा जारी परीक्षा पास कर जनपद का मान बढ़ाया है. 

कल्याण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बहराइच से हुई. उसके बाद बीएचयू बनारस मे हुई है, फिर दिल्ली आईआईटी कॉलेज में एमएससी करने चले गए,वहीं से एनटीपीसी मे नौकरी लग गई.

बेटे की कामयाबी को पिता ने उसकी मां को समर्पित करते हुए कहा कि बेटे को अफसर बनाने में उसकी मां का सबसे बड़ा योगदान है. जो अब इस दुनियां में नहीं रहीं. अगर वो जिंदा होतीं तो क्या बात होती. ये कहते हुए पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्होंने बस यही कहा कि सभी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें ताकि हमारे अन्य भाई बंधुओ के बच्चे अच्छे पदों पर चयनित होकर अपने माता पिता का नाम रोशन करें.

मामले में जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे वाहन चालक के बेटे ने PCS की परीक्षा पास कर SDM बना है जो कि अन्य लोगों के लिये किसी नज़ीर से कम नहीं है. भारतीय लोकतंत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा के बल पर कोई भी पद प्राप्त कर सकता है.बशर्ते वो अपनी पूरी निष्ठा और दृढ़ संकल्प के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये संघर्षरत रहे.

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