Ballia possitve news : चंद्रभान सिंह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एथलीट के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, लेकिन पेशे से किसान चंद्रभान सिंह के लिए विदेश में होने वाले आयोजनों में शिरकत करना मुश्किल है.
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मनोज चतुर्वेदी/बलिया : फिटनेस के मामले में युवाओं से कम नहीं हैं बुजुर्ग. जहां 65 साल की उम्र में आमतौर पर लोग लाठियों का सहारा लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं, वहीं बलिया में एक बुजुर्ग की फिटनेस ने युवाओं के लिए प्रेरणा बनने का कार्य किया है.
कई मेडल जीत चुके हैं
दरअसल, बलिया जनपद के कथरिया गांव के रहने वाले 65 वर्षीय चंद्रभान सिंह 45 किलोमीटर तक दौड़ लगा सकते हैं. दौड़ के कुछ निजी आयोजनों में चंद्रभान सिंह ने गोल्ड मेडल भी हासिल किया है. चंद्रभान सिंह का कहना है कि वह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एथलीट के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, लेकिन पेशे से किसान चंद्रभान सिंह के लिए विदेश में होने वाले आयोजनों में शिरकत करना मुश्किल है.
आर्थिक मदद की मांग
व्यवस्थाओं से नाराज चंद्रभान सिंह ने जिलाधिकारी बलिया को पत्र देकर मांग किया है कि उन्हें आर्थिक मदद दी जाए ताकि वह अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग ले सकें. चंद्रभान सिंह बताते हैं कि बचपन से ही फिटनेस को लेकर वो काफी संजीदा रहे, लेकिन सरकार की नीतियां सिर्फ युवाओं के लिए है बुजुर्गों के लिए नहीं.
यह है फिटनेस का राज
लिहाजा शारीरिक योग्यता होने के बावजूद भी वह राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दौड़ में भाग नहीं ले पाते हैं. चंद्रभान सिंह 100, 200 और 400 मीटर दौड़ के साथ ही मैराथन दौड़ में भी माहिर हैं. वहीं, 65 वर्षीय चंद्रभान सिंह का कहना है मेरी फिटनेस का राज योगा से जुड़ा हुआ है. इसके जरिए वे खुद को तंदुरुस्त रखते हैं और वह युवाओं को भी प्रोत्साहित करते रहते हैं.
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