घर की दहलीज में कैद बालिकाओं को 'मीना' ने पहुंचाया स्कूल, किरदार का धूमधाम से मनाया गया जन्मदिन
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घर की दहलीज में कैद बालिकाओं को 'मीना' ने पहुंचाया स्कूल, किरदार का धूमधाम से मनाया गया जन्मदिन

 घर की दहलीज में कैद रहने वाली बालिकाओं की शिक्षा पर बेसिक शिक्षा विभाग का पूरा ध्यान केंद्रित है. उन्हें स्कूल तक कैसे लाया जाए और  शिक्षा का दीप जलाने के लिए ''मीना'' नामक किरदार वाली बालिका का जन्मदिन परिषदीय स्कूलों में धूमधाम से मनाया जा रहा है. 

घर की दहलीज में कैद बालिकाओं को 'मीना' ने पहुंचाया स्कूल, किरदार का धूमधाम से मनाया गया जन्मदिन

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: घर की दहलीज में कैद रहने वाली बालिकाओं की शिक्षा पर बेसिक शिक्षा विभाग का पूरा ध्यान केंद्रित है. उन्हें स्कूल तक कैसे लाया जाए और सामाजिक बदलाव करते हुए सुदूर ग्रामीण अंचल के घर-घर तक शिक्षा का दीप जलाने के लिए एक प्रयास के तहत ''मीना'' नामक किरदार वाली बालिका का जन्मदिन परिषदीय स्कूलों में धूमधाम से मनाया जा रहा है. 

इसी क्रम में जनपद बाराबंकी के विकास खंड सिरौलीगौसपुर के प्राथमिक विद्यालय किंतूर द्वितीय में आज बच्चों के सबसे चहेते चरित्र मीना का जन्मदिन मनाया गया. स्कूल की बच्चियों में से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली छात्रा दिव्या को मीना बनाकर उसे फूल मलाएं पहनाई गई. स्कूल में केक भी काटा गया. इस दौरान स्कूल के सभी बच्चों में खासा उत्साह भी देखने को मिला. 

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दरअसल मीना बच्चों में एक सामाजिक बदलाव का माध्यम बनी है. मीना प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्कूलों के बच्चों की शिक्षा का एक लोकप्रिय अंग है. सिरौलीगौसपुर के खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि इस किरदार से प्रेरणा लेकर अब बच्चे सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं.  विपरीत परिस्थितियों में रहकर मीना ने किन हालातों में शिक्षा पायी. उसकी इस कहानी के द्वारा स्कूली बच्चों में शिक्षा के प्रति अलख भी जग रही है. 

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