बाराबंकी में वन माफिया के हौसले बुलंद, हरे-भरे पेड़ों की कर रहे कटान, वन विभाग बेखबर
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बाराबंकी में वन माफिया के हौसले बुलंद, हरे-भरे पेड़ों की कर रहे कटान, वन विभाग बेखबर

बाराबंकी जिले में वन विभाग से मिलीभगत कर वन माफिया लगातार प्रतिबंधित और हरे-भरे पेड़ों की कटान कर रहे हैं. जिससे जिलभर में लगातार हरियाली कम होती जा रही है और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है.

 बाराबंकी में वन माफिया के हौसले बुलंद, हरे-भरे पेड़ों की कर रहे कटान, वन विभाग बेखबर

नितिन श्रीवास्तव/बाराबांकी: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही हर घर हरियाली जैसी योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर क्षेत्र को हरा- भरा करने का प्रयास कर रही हो. लेकिन, बाराबंकी में वन विभाग के बेलगाम कर्मचारी और अधिकारियों के चलते ये योजनाएं सफल होना तो दूर यहां वर्षों पहले लगे हुए हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़-पौधे भी इनकी मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं. जिससे बाराबंकी जिले में हरियाली की बात करना बेमानी साबित हो रहा है.

वन विभाग से मिलीभगत कर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़
बाराबंकी जिले में वन विभाग से मिलीभगत कर वन माफिया लगातार प्रतिबंधित और हरे-भरे पेड़ों की कटान कर रहे हैं. जिससे जिलभर में लगातार हरियाली कम होती जा रही है और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है. वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन माफियाओं से मिलकर प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों की कटान का परमिट बना देते हैं. यह परमिट नियम कानून ताक पर रखकर इसलिए बनाया जाता है ताकि इन वन माफियाओं पर कोई सवालिया निशान ना खड़ा हो और यह धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेड़ काटते रहें.

लोगों ने कार्रवाई की मांग 
ताजा मामला बाराबंकी जिले के असंद्रा थाना क्षेत्र के सिन्नी सड़वा गांव से आया है. यहां वन माफियाओं ने एक-दो नहीं बल्कि पूरी आम की हरी-भरी बाग ही काट डाली और जिम्मेदार सिर्फ देखते ही रहे. दरअसल, यहां जिन्हें वन की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है. वही हरियाली के दुश्मन बन गए हैं. पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है. जिससे जिले में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पेड़ों की कटान की जा रही है. वन माफिया आम, जामुन और महुआ सहित अन्य पेड़ों पर आरा चला रहे हैं. लोग विभाग के लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है. ताकि जिले में हरियाली बच सके.

क्या कहना है वन विभाग के प्रभागीय निदेशक का? 
वहीं, जब इस बारे में वनविभाग के प्रभागीय निदेशक रुस्तम परवेज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम दो बातों पर समझौता नहीं करते हैं. एक तो वन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर और दूसरे अवैध पेड़ों की कटान पर. सभी से हमने बता रखा है. जहां से अवैध कटान की सूचना मिलती है. उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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