बाराबंकी: बीडीओ अमित त्रिपाठी के इस्तीफे मामले में ZEE की खबर का बड़ा असर, अपर मुख्य सचिव ने दिए जांच के आदेश
Barabnki BDO Resignation Case: अपर मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास आयुक्त को जांच के लिए दिए गए निर्देश में सख्त लहजे में कहा है कि खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी ने अपने पत्र में मुख्य विकास अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा मानसिक रूप से अत्यधिक प्रताड़ित करने व अपमानित करने का आरोप लगाया है. जिससे परेशान और मजबूर होकर उन्होंने त्याग पत्र दे दिया है. इसलिये पत्र में अंकित तथ्यों की जांच कराकर स्पष्ट संस्तुति सहित आख्या शासन को तत्काल उपलब्ध कराई जाए.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी जिले में खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी ( (Block Development Officer Ramnagar Amit Tripathi) के इस्तीफे मामले में जी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की खबर का बड़ा असर हुआ है. दरअसल बीडीओ अमित त्रिपाठी ने जिले के आलाधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर अपने पद से इस्तिफा दे दिया था, जिसे जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड ने प्रमुखता से दिखाया था. हमारी खबर का अब अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संज्ञान लिया है. उन्होंने मामले की जांच ग्राम्य विकास आयुक्त को सौंपी है.
आलाधिकारी अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
इस मामले में पीडीएस संघ ने बीडीओ अमित त्रिपाठी का खुला समर्थन किया है. जानकारी के मुताबिक खंड विकास अधिकारी रामनगर अमित त्रिपाठी के स्थानांतरण के संबंध में पूर्व विधायक रामनगर शरद कुमार अवस्थी ने भी प्रधान संघ के पदाधिकारियों के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर शिकायत की थी. हालांकि जिले के आलाधिकारी अभी भी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. बीडीओ अमित त्रिपाठी के त्याग पत्र देने की खबर फैलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. इस्तीफे की जानकारी मिलते ही बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने करीब एक घंटे तक बीडीओ से बात की और समझाने की कोशिश की, लेकिन वह फिर भी नहीं माने और अपना इस्तीफा बीडीओ ने भेज दिया, जिसके बाद आनन-फानन डीआरडीए में बैठक हुई, इसमें पीडीएस संघ के सभी बीडीओ शामिल हुए.
प्रताड़ना की पराकाष्ठा पार करने का लगाया आरोप
बीडीओ अमित त्रिपाठी ने बाराबंकी की मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए अपने त्याग पत्र में लिखा है कि पिछले एक माह से आप लोगों (सीडीओ व डीएम) द्वारा मुझे अत्यधिक परेशान किया जा रहा है. प्रताड़ना की पराकाष्ठा पार हो जाने के कारण मैं अत्यधिक परेशान और मजबूर हो चुका हूं. साथ ही मेरा परिवार भी मेरी हालत देखकर परेशान व विचलित है. अमित त्रिपाठी के मुताबिक एक जुलाई को मेरा स्थानांतरण आप द्वारा पूरे डलई ब्लॉक में किया गया था. उसी दिन मैंने चार्ज भी प्राप्त कर लिया, लेकिन सांसद द्वारा रामनगर ब्लाक के अन्य जन प्रतिनिधियों की मांग पर जिलाधिकारी से दोबारा रामनगर में स्थानांतरण के लिए दूरभाष से बात की गई. इसमें मेरा कोई दोष नहीं है.
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दो-तीन घंटे तक मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप
जिसके बाद आठ जुलाई को दोबरा मेरा स्थानांतरण रामनगर कर दिया गया और शाम को लगभग 4:39 बजे जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर मुझे बुलाया गया. शाम 5:30 पर जिलाधिकारी आवास मैं पहुंचा, जिसके बाद आप (मुख्य विकास अधिकारी) व जिलाधिकारी द्वारा मुझे अत्यधिक डांटा गया एवं भविष्य में अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई. मैंने उस समय आप दोनों लोगों से क्षमा-याचना भी की थी. अमित त्रिपाठी ने अपने त्याग पत्र में लिखा कि उसके बाद आप लोगों के द्वारा रामनगर विकास खंड का आकस्मिक निरीक्षण किया गया और अस्वस्थ होने के बावजूद मुझे जबरदस्ती बुलाया गया. इस दौरान करीब दो-तीन घंटे तक मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
अमित त्रिपाठी ने इसलिए दिया है इस्तीफा
आपको बता दें कि बाराबंकी जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह, सीडीओ एकता सिंह, डीडीओ भूषण कुमार, परियोजना निदेशक मनीष कुमार, सहायक अभियंता टीएन सिंह ने ब्लाक रामनगर में औचक छापेमारी की थी. जानकारी के मुताबिक छापेमारी में बीडीओ अमित त्रिपाठी ब्लॉक में नहीं मिले थे. हालांकि थोड़ी देर बाद बीडीओ भी ब्लॉक पहुंच गए थे. यहां आलाधिकारियों को नरेगा सेल में लंबित प्रकरण मिले, साथ ही पत्रावलियां भी ठीक नहीं मिली. इसके अलावा दो तालाबों के निरीक्षण में भी वहां काम होता नहीं मिला, जबकि मस्टर रोल भरे मिले. एस्टीमेट भी ज्यादा था. इस पर डीएम ने बीडीओ और डीसी मनरेगा को फटकार लगाई थी. इसके अलावा डीएम सभी ग्राम पंचायतों से पत्रावलियां तलब कर उसकी जांच करा रहे हैं, जिसपर बीडीओ ने आरोप लगाया कि अन्य ब्लाकों को छोड़कर जिले के अधिकारी सिर्फ रामनगर ब्लॉक में ही छापेमारी कर रहे है. इस तरह के उत्पीड़ से परेशान होकर ही उन्होंने इस्तीफा दिया है. साथ ही इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की भी मांग की है, जिससे आगे किसी अधिकारी को इस तरह परेशान न होना पड़े.
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