लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपनी मनमानी चलाने वाले प्राइवेट स्कूलों पर अब गाज गिर सकती है. दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा है कि नियम न मानने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. अगर कोई भी प्राइवेट स्कूल गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी करता है, अनावश्यक प्रमाण पत्रों की मांग करता है या इसकी वजह से नाम काटने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


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वापस ली जा सकती है मान्यता
दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि गरीब बच्चों के स्कूल एडमिशन में कुछ निजी स्कूल आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि शर्तों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों की मान्यता वापस ले ली जाएगी. उन्होंने कहा है कि विभाग जब स्कूलों को चयन सूची उपलब्ध कराता है, तो विद्यालय प्रबंधन प्रवेश नहीं लेते.


लगातार आ रही शिकायतें
वहीं, विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बच्चों के पेरेंट्स या गार्जियंस से बिना आवश्यक्ता के प्रमाणपत्रों की मांग करना, बच्चों से आए दिन वसूली करना और उन्हें रसीद न देना, बिना किसी बात के बच्चों का नाम काट देना और अभिभावकों या बच्चों को तंग करने जैसी शिकायतें लगातार आ रही हैं. जबकि ICSE और CBSE आदि बोर्ड में क्लास- 9 से 12 तक की मान्यता के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से कक्षा 1-8 तक के लिए मान्यता एनओसी देने के बाद ही सेंट्रल बोर्ड विचार करता है. बेसिक शिक्षा से मान्यता लिए बिना बाकी बोर्ड के हायर सेकेंडरी की मान्यता प्राप्त नहीं की जा सकती. 


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आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई
वहीं, बता दें कि आरटीई एक्ट के मद्देनजर अगर एक या ज्यादा शर्तों का उल्लंघन किया गया तो स्कूल के मान्यता वापस ली जा सकती है.


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