UP Election 2022: बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा को टिकट दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ वर्मा परिवार की कलह भी अब चुनावी मैदान में सामने आ गई है, क्योंकि बेनी की बहू चित्रा वर्मा खुद कांग्रेस के टिकट पर बाराबंकी की दरियाबाद विधानसभा सीट से ताल ठोक चुकी हैं.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ कहे जाने वाले बाराबंकी जिले में एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा (Beni Prasad Verma) का दबदबा साफ देखने को मिला है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा सीट से बेनी प्रसाद के पुत्र और पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा (Rakesh Verma) को उम्मीदवार घोषित किया है. राजनीतिक जानकार इसे बेनी के राजनीतिक कद का ही असर मानते हैं, जिसके चलते सपा मुखिया ने उनके पुत्र राकेश वर्मा को टिकट दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ वर्मा परिवार की कलह भी अब चुनावी मैदान में सामने आ गई है, क्योंकि बेनी की बहू चित्रा वर्मा खुद कांग्रेस के टिकट पर बाराबंकी की दरियाबाद विधानसभा सीट से ताल ठोक चुकी हैं. चित्रा वर्मा (Chitra Verma) बेनी प्रसाद वर्मा के भाई रमेश वर्मा की बहू हैं, इस नाते वह बेनी की भी बहू हुईं. यानी कुल मिलाकर बेनी की बहू और बेटा इस बार एक दूसरे के विरोधी दल कांग्रेस और सपा से चुनावी मैदान में हैं.
बेनी बाबू के पूत्र राकेश वर्मा सपा से लड़ रहे चुनाव
बेनी प्रसाद वर्मा को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता था. वह कुर्मियों के बड़े नेता थे. उन्हें जिले का विकास पुरुष कहा जाता था. बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने जीवित रहते ही पुत्र राकेश वर्मा को विधायक और कैबिनेट मंत्री बनवाकर उन्हें स्थापित कर दिया था. यह उनका ही असर है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बेनी के पुत्र राकेश वर्मा को कुर्सी विधानसभा सीट से टिकट दिया है, लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा की बहू चित्रा वर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर दरियाबाद विधानसभा सीट से ताल ठोककर वर्मा परिवार की कलह को अब चुनावी मैदान में जरूर लाकर खड़ा कर दिया है.
बहू कांग्रेस से ठोक रही दावेदारी
दरियाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही बेनी प्रसाद वर्मा की बहू चित्रा वर्मा ने आरोप लगाया है कि 72 साल से हमारे ससुर रमेश वर्मा ने बाबूजी (बेनी प्रसाद वर्मा) की सेवा की, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ. बेनी बाबू के बेटे राकेश वर्मा ने ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर हमारे साथ नाइंसाफी की और ब्लॉक प्रमुख का टिकट अपने छोटे भाई की बहू रेनू को दे दिया. चित्रा ने कहा कि विरासत में सिर्फ एक ब्लॉक प्रमुख की सीट मिली थी. उसे भी इन लोगों ने छीन लिया. जिसके बाद अब कांग्रेस ने हमें सम्मान दिया है. इस सीट पर अब कांग्रेस का परचम लहराएगा. अब वह सपा का खुलकर विरोध करेंगी.
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