5 हजार साल से भी पुराना है मां भगवती त्रिपुरा बाला सुंदरी का मंदिर, यहां पांडवों ने प्राप्त किया था विजय का आशीर्वाद
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1164698

5 हजार साल से भी पुराना है मां भगवती त्रिपुरा बाला सुंदरी का मंदिर, यहां पांडवों ने प्राप्त किया था विजय का आशीर्वाद

मान्यता है कि यहां किसी के भी घर में कोई शुभ कार्य होता है, तो सबसे पहले मां को निमंत्रण दिया जाता है. उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. यहां के मुख्य पुजारी सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि यह मंदिर 5 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है. 

5 हजार साल से भी पुराना है मां भगवती त्रिपुरा बाला सुंदरी का मंदिर, यहां पांडवों ने प्राप्त किया था विजय का आशीर्वाद

नीना जैन/सहारनपुरः सहारनपुर जिले के देवबंद में त्रिपुरा मां बाला सुंदरी देवी का मंदिर स्थित है. यह मंदिर 5 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है. यहां देवी सती का गुप्त अंग गिरा था, इसीलिए इस मंदिर की मान्यता अत्यधिक है. इन दिनों यहां मेला लगा हुआ है. साल भर में एक बार अप्रैल माह में यह मेला लगता है. यहां माता के चरणों में शीश नवाने दूर-दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है.

यहां मां कई रूपों में हैं विराजी 
ऐसा कहा जाता है कि पांच पांडवों ने अपना अज्ञातवास यहीं काटा था. यहां पांच फलों द्वारा स्थापित माता की मूर्ति है और 11 मुखी शिवलिंग भी यहीं है. यहां युधिष्ठिर ने 11 मुखी शिवलिंग की आराधना की थी और विजय का आशीर्वाद प्राप्त किया था. यहां मां के कई रूप देखने को मिलते हैं. यहां देवी मां काली, शाकंभरी, अन्नपूर्णा, पार्वती और सरस्वती के रूप में भी दर्शन दे रही है, तो प्रभु विष्णु के साथ लक्ष्मी के रूप में भी विराजमान हैं. 

मां को दिया जाता है शुभ कार्य का पहला निमंत्रण 
मान्यता है कि यहां किसी के भी घर में कोई शुभ कार्य होता है, तो सबसे पहले मां को निमंत्रण दिया जाता है. उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. यहां के मुख्य पुजारी सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि यह मंदिर 5 हजार साल पुराना है. देवी सती का गुप्तांग यहां पर गिरा था, जिसके कारण इस जगह को मां भगवती का नाम दिया गया है. उन्होंने बताया अज्ञातवास के समय युधिष्ठिर ने विजय का आशीर्वाद प्राप्त किया और कुरुक्षेत्र के लिए रवाना हुए थे. 

बलिया में गिरफ्तार तीनों पत्रकारों को मिली जमानत, यूपी बोर्ड के Paper Leak केस में पुलिस ने किया था गिरफ्तार

यहां के शिलापट की भाषा आज तक कोई नहीं पढ़ सका
आप मंदिर के ऊपर एक छोटा सा शिलापट पढ़ नहीं पाएंगे. भारत की प्रधानमंत्री रही स्वर्गीय इंदिरा गांधी यहां दर्शन करने के आई थीं. उन्हें यहां के शिलापट के बारे में पता चला. उसके बाद यहां पर पुरातत्व विभाग की कई टीम आ चुकी हैं. अन्य कई विभाग के लोग भी आ चुके हैं. इतना ही नहीं इस शिलापट को पढ़ने वाले के लिए इनाम भी रखा गया. परंतु इसकी भाषा आज तक कोई नहीं पढ़ सका. पंडित सत्येंद्र शर्मा ने बताया कि मां यहां पर पिंडी के रूप में स्थापित है.

उनके पिता, दादा, परदादा पीढ़ी दर पीढ़ी गणेश मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं. एक बार उनके पूर्वज ने कलश हटा के मां के दर्शन करने का प्रयास किया था, जिसके बाद वह अंधे हो गए थे. यहां मां का स्नान, ध्यान लाइट बंद करके आंखों पर पट्टी बांधकर और दरवाजा बंद कर किया जाता है. उन्होंने कहा कि यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और उनकी मन्नतें पूरी भी होती है. 

मां ने बिन मांगे ही सब कुछ दिया है- श्रद्धालु
देहरादून से आए श्रद्धालु मनीष पाल ने बताया कि वह मां को धन्यवाद अदा करने के लिए आए हैं. मां ने बिन मांगे ही उन्हें सब कुछ दिया है. घर में सुख शांति है. उन्होंने पहले आकर मां का हवन किया और उसके बाद अब भंडारा करेंगे और उनके घर में बच्चों की किलकारी भी गूंज रही है. वहीं, मां के आशीर्वाद से घर में सभी की नौकरी भी लगी हुई है. इतना ही नहीं उनके यहां बच्चों का मुंडन भी यहीं किया जाता हैं और इसी का धन्यवाद अदा करने बार-बार यहां आते हैं.

PM Kisan Yojana की 11वीं किस्त का पैसा अटक जाएगा, अगर आपने अब तक नहीं किया है ये काम

मां के दर्शन करने बचपन से आ रहे- श्रद्धालु
गाजियाबाद से आए श्रद्धालु अंकित गोयल का कहना है कि जब भी मौका मिलता है. यहां आते ही और मां के चरणों में शीश नवाते हैं. उन्होंने बताया कि बचपन से यहां आ रहे हैं. वह जब भी मंदिर आते हैं तब तब उन्हें लगता है कि वह अपने बचपन में आ गए हैं. यहां आकर उन्हें बड़ा सुकून मिलता है और उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती रही है.

जब भी मौका मिलता है चले आते हैं
वहीं, दिव्या ने शादी के बाद से इस मंदिर की महिमा को जाना है यहां उसने बेटा मांगा था और मां के आशीर्वाद से उसे मां बनने का सौभाग्य मिला. जब भी उसे मौका मिलता है मां के चरणों में शीश नवाने के लिए चली आती है. 

योगी सरकार E-shram Card होल्डर्स को देगी बड़ी सौगात, कामगारों के बच्चों के लिए लिया बड़ा फैसला

श्रद्धालुओं के मन में होती है यही कामना
यहां आने वाले हर भक्त के मन से एक यही पुकार निकलती है कि सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माता के चरणों में, बने उस माता के चरणों की धूल और सब मिलकर मां को श्रद्धा के फूल चढ़ाएं. श्रद्धालुओं की मां भगवती से यही कामना होती है कि मां तेरा हाथ मेरे सिर पर हो, पूरे परिवार में खुशियों का वास हो ,घर में सुख शांति बनी रहे और सबके जीवन में आपका प्रकाश ही प्रकाश हो. लोग इन मनोकामनाओं और  मां के दर्शनों की आस लिए दूर-दूर से यहां दौड़े चले आते हैं. 

WATCH LIVE TV

Trending news