BHU Holi Ban: होली मनाने पर पाबंदी से BHU में बवाल के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने वापस लिया फैसला, छात्र बोले-अब आई सद्बुद्धि
BHU Holi Ban: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में होली खेलने पर प्रतिबंध लगाए जाने संबंधी आदेश जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर माहौल गरमा गया है... BHU प्रशासन ने होली मनाने को प्रतिबंधित करने का फैसला वापस ले लिया था..
वाराणसी/जयपाल: उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में होली को लेकर नया फरमान जारी हुआ था अब ये वापस ले लिया गया है. इसके तहत बीएचयू परिसर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था.. छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया है. स्टूडेंट्स ने विरोध जताते हुए यूनिवर्सिटी में जमकर होली खेली. बीएचयू प्रशासन के इस आदेश को हिंदू विरोधी बताया जा रहा था. वहीं विश्व हिन्दू परिषद ने इसे तुगलकी फरमान बताया.
BHU प्रशासन ने होली मनाने को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया वापस
काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने होली मनाने को बैन करने के आदेश को वापस ले लिया है. Zee Media पर खबर दिखाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने संज्ञान लिया. फैसला वापस लेने पर छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई है. लोगों ने कहा अखिरकार प्रशासन को सद्बुद्धि आई. इससे पहले सुरक्षा व आपसी सौहार्द का हवाला देकर कैंपस में होली को आयोजन बैन किया गया था.
यूनिवर्सिटी की हो रही थी खराब इमेज-चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु
एडवाइजरी के बारे में बोलते हुए चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु ने कहा कि काशी में होली की बहुत महत्ता है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में होली को लेकर कोई नोटिफिकेशन नहीं गया है और न ही इसका विरोध है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से नए छात्रों का हुड़दंग सामने आ रहा है, छात्र सड़क पर डीजे के साथ निकलते थे. काशी एक अलग तरह का विश्वविद्यालय है यहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, चाहे दर्शन के लिए हो या इलाज. यूनिवर्सिटी की इमेज ऐसी हो रही थी यहां कि चीजें व्यवस्थित नहीं हैं.
विहिप ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर इसे तुगलकी फरमान करार दिया है. उन्होंने लिखा, होली पर प्रतिबंध, वह भी काशी में...ये परिपत्र है या कोई तुगलकी फरमान...!! कहीं ये विश्वविद्यालय के नाम से "हिन्दू" शब्द हटाने कि शुरुआत तो नहीं...!! इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि क्या होली हुड़दंग है. उनका कहना है कि भोले की काशी और उसके भी शिक्षा मंदिर में "संगीत बजाना पूर्णतया प्रतिबंधित" है. आप नहीं मनाएं ये तर्क संगत है लेकिन किसी और ने होली मनाई तो कार्यवाही होगी, क्या ये न्याय संगत है, क्या जिहादी जामिया की राह चल पड़ा काशी का हिन्दू विश्वविद्यालय ...!! उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को यह तुगलकी फरमान वापस लेना होगा.
रोजा इफ्तार हो सकता, होली नहीं खेल सकते-विनोद बंसल
विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने बीएचयू प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि यहां रोजा इफ्तार होगा, ताजिये पर भी कोई दिक्कत नहीं हैं. लेकिन आपने होली मना ली तो खैर नहीं है क्यों...उन्होंने कहा कि जहां भगवान राम, श्रीकृष्ण और शंकर की पवित्र धरती है वहां पर होली खेलने से मना किया गया. .बीएचयू द्वारा ऐसे त्योहार को प्रमोट करना चाहिए. सभी के साथ ये पर्व मनाना चाहिए. वहीं उसके पीछे ताकते हैं. सेक्यूलर का डंक है.
विनोद बंसल ने कल भी लगातार एक के बाद एक ट्वीट किए थे.काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कुलपति इफ्तार पार्टी मनाते हैं पर होली मनाने को रोक लगाते हैं. होली मात्र उत्सव नहीं, विश्व भर में सामाजिक सद्भाव का मंत्र भी है. प्रतिबन्ध और वह भी सनातन भारत में! इसे वापस लेना होगा. विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि कुलपति जी आपको फरमान वापस लेना चाहिए. उन्होंने छात्रों से कहा कि ऐसे तुगलकी फरमान के खिलाफ डंका बजाएं.
यह है पूरा मामला
दरअसल, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने परिसर में छात्रों को होली खेलने पर प्रतिबंध लगाने का नोटिस जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि जो भी छात्र इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद प्रॉक्टर के आदेश का उल्लंघन करते हुए छात्र-छात्राओं ने जमकर होली खेली.
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