पहचानो कौन! फोटो में नजर आ रहे इस लड़के ने मशहूर होने के बाद तलाशी अपनी जन्मस्थली, आज सिनेमा जगत का है अमूल्य रत्न
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पहचानो कौन! फोटो में नजर आ रहे इस लड़के ने मशहूर होने के बाद तलाशी अपनी जन्मस्थली, आज सिनेमा जगत का है अमूल्य रत्न

इस लड़के ने अपने अनोखे अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. इसके अलावा यह अपनी बेबाक राय रखने के लिए भी मशहूर है. इस फोटो को देखने के बाद अब आप जान ही गए होंगे कि हम किस एक्टर की बात कर रहे हैं? 

पहचानो कौन! फोटो में नजर आ रहे इस लड़के ने मशहूर होने के बाद तलाशी अपनी जन्मस्थली, आज सिनेमा जगत का है अमूल्य रत्न

नई दिल्लीः इन दिनों इंटरनेट पर एक चैलेंज काफी चल रहा है, जिसमें फेमस हिंदी सिनेमा के कलाकारों की बचपन की फोटो पोस्ट कर उन्हें पहचानना है. यह चैलेंज लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. आए दिन किसी न किसी बॉलीवुड कलाकार की बचपन की फोटो शेयर होती रहती है, जिन्हें पहचानने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.ऐसी ही एक तस्वीर एक बार फिर इंटरनेट पर छाई है, जिसमें एक छोटा लड़का नजर आ रहा है.

इस ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में यह लड़का सूट-बूट में बहुत ही प्यारी सी स्माइल देता नजर आ रहा है. इस लड़के ने अपने अनोखे अभिनय से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है. इसके अलावा यह अपनी बेबाक राय रखने के लिए भी मशहूर है. इस फोटो को देखने के बाद अब आप जान ही गए होंगे कि हम किस एक्टर की बात कर रहे हैं? अगर अब भी नहीं पहचाना तो चलिए हम ही बता देते हैं. फोटो में नजर आ रहा यह लड़का कोई और नहीं, बल्कि नसीरुद्दीन शाह हैं. 

जन्म तारीख की सही जानकारी उन्हें भी नहीं मालूम
उनके जन्म की सही तारीख खुद उन्हें भी नहीं पता है. नसीर बताते हैं- "वो या तो 1949 के जुलाई का महीना था या फिर 1950 के अगस्त का. अम्मी को मेरा जन्मदिन ठीक से याद नहीं. वो बस इतना कहती थीं कि तुम रमजान में पैदा हुए थे. अब उनकी इस बात से मेरे जन्म के साल का अंदाजा लगाना संभव नहीं है. बाद में अब्बा ने जब स्कूल में एडमिशन कराया तो मेरा जन्मदिन 16 अगस्त 1950 लिखाया". इस गफलत का नतीजा यह हुआ कि उनके जन्म तारीख की सही जानकारी कहीं नहीं मिलती.

यूपी के बाराबंकी में हुआ था नसीर का जन्म
नसीरूद्दीन शाह का जन्‍म यूपी के बाराबंकी जिले में हुआ था. नसीर के पिता प्रोवेंसियल सिविल सर्विसेस में थे. वो बाराबंकी के तहसीलदार थे. उनके बड़े भाई जमीरूद्दीन शाह अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के वाइस चांसलर हैं. नसीरूद्दीन की स्‍कूली पढ़ाई सेंट ऐंसेल्‍म अजमेर और सेंट जॉजेफ कॉलेज, नैनीताल से हुई थी. इसके बाद आर्ट में ग्रेजुएशन करन के लिए शाह उत्तर प्रदेश आ गए और अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय में एडमिशन लिया. फिर उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया.

नसीर ने 60 साल बाद अपनी जन्‍मस्‍थली देखी
वर्तमान में बाराबंकी में उनके मकान में रहने वाले मो. युनुस बताते हैं कि नसीरुद्दीन के आने के बाद इस खंडहरनुमा कोठी को नई पहचान मि‍ली. अब यहां आते ही लोग कहते हैं कि यह नसीरुद्दीन शाह का मकान है. वह अपनी पैदाइश के करीब 60 साल बाद अचानक अपनी पत्नी के साथ अपनी जन्‍मस्‍थली घोसि‍याना आए थे.

शोहरत पाने के बाद भी अपनी जन्मस्थली को नहीं भूलें
नसीर बताते हैं कि जब वह तीन या चार साल के थे, तब उनके बाबा इमामुद्दीन शाह का तबादला हो गया और उनका परिवार यहां से चला गया था. फिर 60 सालों के बाद जब यही नन्हा-मुन्ना बच्चा इस कोठी में आया तो वह आलिशान कोठी खंडरनुमा इमारत में तब्दील हो चुकी थी. शोहरत की बुलंदियों को छूने के बाद भी नसीर अपनी जन्मस्थली को नहीं भूलें और उसे तलाशते रहें.

एक लंबे अरसे बाद जब शाह यहां पहुंचें तो सब कुछ बदल चुका था. आलिशान कोठी अब बदहाली के दौर से गुजर रही है, लेकिन नसीरुद्दीन अपनी जन्मस्थली में ऐसे खोए जैसे उनके बचपन की यादें उनके सामने आ गई हो. 

हिन्दी सिनेमा जगत के अमूल्य रत्न हैं नसीरूद्दीन शाह 
नसीरुद्दीन शाह जिन्हें अभिनय की चलती फिरती पाठशाला कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस नाम का जिक्र होते ही एक ऐसे साधारण पर आकर्षक व्यक्तित्व की छवि सामने आती है, जिसकी अभिनय-प्रतिभा और हिन्दी सिनेमा में योगदान अतुलनीय है. कॉमर्शियल सिनेमा हो, आर्ट सिनेमा या फिर थियेटर हर जगह नसीरुद्दीन उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है. 

आर्ट फिल्म से हुई करियर की शुरुआत
उनके करियर की शुरूआत फिल्‍म 'निशांत' से हुई थी, यह एक आर्ट फिल्म थी. इस के बाद नसीरुद्दीन शाह ने आक्रोश, स्पर्श, मिर्च मसाला, अलबर्ट पिंटों को गुस्सा क्यों आता है, मंडी, मोहन जोशी हाज़िर हो, अर्द्ध-सत्य, कथा आदि कई आर्ट फिल्में कीं.

कमर्शियल फिल्मों में भी उनका कोई सानी नहीं
इसके बाद उन्‍होंने मासूम, कर्मा, इजाज़त, जलवा, हीरो हीरालाल, गुलामी, त्रिदेव, विश्वात्मा, मोहरा, सरफ़रोश जैसी तमाम कमर्शियल फिल्में कर साबित कर दिया कि वह सिर्फ आर्ट ही नहीं, बल्कि कमर्शियल फिल्में भी कर सकते हैं. धीरे-धीरे नसीरुद्दीन शाह बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाते गए और उन्हें बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला. साल 2006 में नसीरुद्दीन शाह ने 'यूं होता तो क्या होता' नाम की फिल्म से डायरेक्शन में कदम रखा.

ऐसी रही नसीर की पर्सनल लाइफ
शाह की पहली शादी मनारा सीकरी से 1 नवंबर 1969 को हुई थी. 19 साल की उम्र शाह ने अपने से तकरीबन 11 साल बड़ी मनारा से शादी की थी. जिनसे उन्‍हें एक लड़की है, जिसका नाम हीबा शाह है, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया. शादी के 1 साल बाद ही मनारा और नसीर में अनबन शुरू हो गई और वे अलग रहने लगे. 

इसके बाद साल 1970 के दशक के आसपास में नसीरुद्दीन की मुलाकात एक्ट्रेस रत्ना पाठक से हुई और धीरे-धीरे यह दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे. उन्होंने मनारा से तलाक ले लिया और फिर 1अप्रैल साल 1982 में रत्ना से शादी कर ली. रत्ना से शादी के कुछ समय बाद ही नसीर की पहली पत्नी का देहांत हो गया. नसीर और रत्‍ना के दो बच्‍चे इमाद और विवान हैं.

नसीरूद्दीन शाह भारतीय फिल्‍मों और मंच के जाने-माने कलाकार और निर्देशक हैं उन्‍हें उनके करियर के दौरान कई पुरस्‍कारों से नवाजा जा चुका है. जिसमें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार भी शामिल है.
अवार्ड
बेस्ट एक्टर फॉर 'स्पर्श' फिल्म- साल 1979
बेस्ट एक्टर फॉर 'आक्रोश' फिल्म- साल 1981
बेस्ट एक्टर फॉर 'चक्र' फिल्म- सन 1982 
बेस्ट एक्टर फॉर 'मासूम' फिल्म- साल 1984
बेस्ट एक्टर फॉर 'पार' फिल्म- सन 1984 
वेनिस फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड फॉर 'प्यार' फिल्म- सन 1984
पद्म श्री-1987
पद्म भूषण-2003
बेस्ट को-एक्टर फॉर 'इकबाल' फिल्म- साल 2006

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