UP Chunav 2022: RLD के हुए बसपा के कद्दावर नेता हाजी यूनुस, जयंत चौधरी की मौजूदगी में थामा दामन
बीएसपी का कुनबा लगातार छोटा होता जा रहा है. बसपा के कद्दावर नेताओं में शामिल हाजी यूनुस लखनऊ में आरएलडी (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए.
बुलंदशहर: आगामी विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) से पहले यूपी में सियासी उठापटक लगातार जारी है. वहीं नेताओं के दल-बदल का क्रम जारी है. यूपी के बुलंदशहर (Bulandshahr) में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को तगड़ा झटका लगा है. सदर ब्लाक के प्रमुख रहे और बुलंदशहर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े हाजी यूनुस (Haji Yunus) ने पार्टी को अलविदा कह दिया.
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छोटा होता जा रहा है बीएसपी का कुनबा
बीएसपी का कुनबा लगातार छोटा होता जा रहा है. बसपा के कद्दावर नेताओं में शामिल हाजी यूनुस के बीएसपी से अलग होने पर निश्चित तौर पर मायावती को झटका लगा है. यूनुस ने लखनऊ में आरएलडी (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए. हाजी यूनुस का कहना है कि रालोद की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने ज्वाइन किया है.
बसपा से किए गए निष्कासित
बता दें कि शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी हाई कमान ने पूर्व मंत्री हाजी अकबर को पार्टी से निष्कासित कर दिया. जिला पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर ये कार्रवाई की गई थी. BSP जिलाध्यक्ष की ओर से जारी पत्र में पार्टी विरोधियों गतिविधियों की वजह से उन्हें पार्टी से निकालने की बात कही गई है. दावा किया गया है कि पूर्व मंत्री ने पंचायत चुनाव में कार्यकर्ताओं की खरीद-फरोख्त की. पत्र में कहा गया है कि उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया था, इसकी जांच कराई गई और ये फैसला लिया गया.
हाजी का रहा है लंबा सियासी सफर
कुंदरकी विधानसभा से पांच बार के विधायक रहे हाजी अकबर का सियासी सफर लंबा है. वह 1997, 1980 और 1991 में अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़े और जीते भी. इसके बाद 1996, 2007 में वह बीएसपी से चुनाव जीते. 2007 से लेकर 2012 तक बरेली, देवीपाटन के प्रभारी मंत्री रहे. साल 2017 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी से लड़े लेकिन हार गए. हाजी अकबर की बेटी गुलनाज अकबर 2010 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। दो साल कार्य किया. पूर्व मंत्री हाजी अकबर ने कहा कि उन्होंने कभी बसपा नहीं छोड़ी हाईकमान ने ही उन्हें निष्कासित किया.
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