Navratri 203: चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन का बड़ा महत्व होता है क्योंकि इस दौरान कन्या पूजन किया जाता है. हम आपको कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त बताते हैं ताकि आप सही समय पर पूजा कर सकें.
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Kanya Pujan 2023: पूरे देश में नवरात्रि का पावन पर्व त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है. चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इन दो दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है. अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार कहीं कन्या पूजन अष्टमी तो कहीं नवमी के दिन किया जाता है. इसके साथ ही इस दिन हवन भी किया जाता है और फिर नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है. अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और नवमी दिन मां सिद्धिदात्री की. आइए जानते हैं अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा.
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
29 मार्च को अष्टमी के दिन आप कन्या पूजन सुबह 6 बजकर 37 मिनट से 8 बजकर 9 मिनट तक कर सकते हैं. इसके बाद 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक आप पूजन कर सकते हैं. वहीं, नवमी के दिन 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 7 बजकर 46 मिनट तक कन्या पूजन किया जा सकता है. इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 25 मिनट तक कन्या पूजन किया जा सकता है.
कन्या पूजन का महत्तव
नवरात्रि में अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करना अहम माना जाता है. कन्याओं को देवी का रुप माना जाता है. इसलिए इस दिन कन्याओं को भोजन कराना देवियों को भोजन कराने के बराबर माना जाता है. मान्यता है कि देवी छोटी कन्याओं के रूप में घर में प्रवेश करती हैं. इसलिए पूरे विधि विधान से उनका स्वागत सतकार करना चाहिए. घर बुलाकर सबसे पहले कन्याओं के पैर साफ कराएं फिर उनका रोली और कुमकुम से टीका करके हाथ पर कलावा बांधे. इसके बाद उन्हें पूड़ी, सब्जी, खीर, चना और हलवा का भोजन कराएं. इसके साथ ही आप दही जलेबा भी खिला सकते हैं. खाना खिलाने के बाद कन्याओं के हाथ धुलवाएं और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. अंत में कन्याओं को दक्षिणा और भेंट में वस्त्र आदि देकर विदा करें.
किसी कारणवश अगर आप कन्याओं को भोजन नहीं करवा पा रहे हैं तो आप गाय को पूड़ी और हलवा भी खिला सकते हैं. मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर गाय का पूजन करने से भी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. इस दिन कन्याओं को दान दक्षिणा देना पुण्य का काम माना जाता है. लोगों को कन्याओं को दान में सामर्थ अनुसार वस्त्र आदि चीचे अवश्य भेंट करनी चाहिए. इस दिन हवन भी जरुर करना चाहिए.
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