अखिलेश के राम राज्य लाने के दावे पर CM योगी ने ली चुटकी, कालनेमि का उदाहरण देकर किया पलटवार
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अखिलेश के राम राज्य लाने के दावे पर CM योगी ने ली चुटकी, कालनेमि का उदाहरण देकर किया पलटवार

सीएम योगी ने कहा कि "देखिए फर्क साफ है और पब्लिक इसको पहचानती भी है. राम का नाम हनुमान भी लेते थे और राम का नाम कालनेमि भी लेता था. राम भक्तों की पहचान और छद्म भेष में छिपे हुए कालनेमियों की पहचान भी जनता करती है."

फाइल फोटो

CM Yogi Attack on Akhilesh Yadav:यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद प्रदेश में सियासी सरगर्मी हलचल तेज हो गई है. प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान होगा. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi Adityanath)ने एक चैनल के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव  (Akhilesh Yadav)पर जमकर हमला बोला. सीएम योगी ने कहा कि अखिलेश  400 सीटों पर जीत की बात करते हैं, तो वे सपना देख रहे हैं और सपना देखना बुरी बात नहीं हैं, लेकिन जब उनको मौका मिला था तो उन्होंने क्या किया ये सभी को पता है. 

सीएम योगी ने कहा- कालनेमियों की पहचान भी जनता करती है
एक निजी चैनल के कार्यक्रंम में सीएम योगी से एक सवाल पूछा गया कि आप राम जन्मभूमि और रामराज्य की बात करते हैं, आजकल अखिलेश जी भी रामराज्य की बात करते हैं...आप मथुरा की बात करते हैं तो अखिलेश जी कहते हैं श्री कृष्ण उनके सपने में आते हैं'. इस पर सीएम योगी ने कहा कि "देखिए फर्क साफ है और पब्लिक इसको पहचानती भी है. राम का नाम हनुमान भी लेते थे और राम का नाम कालनेमि भी लेता था. राम भक्तों की पहचान और छद्म भेष में छिपे हुए कालनेमियों की पहचान भी जनता करती है."

कौन था कालनेमि?
कालनेमि मारीच का पुत्र और रावण रावण का मामा था. उसने भगवान राम के खिलाफ युद्ध में रावण की मदद की थी. जब  भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण युद्ध में बेहोश थे और हनुमान को लक्ष्मण को वापस लाने के लिए संजीवनी, जादुई औषधीय जड़ी बूटी लाने के लिए कहा गया था. रावण ने कालनेमि को हनुमान जी को रोकने का काम सौंपा. इसके लिए रावण ने कालनेमि को आधा राज्य देने का वादा किया था. द्रोणागिरी पर्वत से जड़ी बूटी लाने के लिए हनुमान जी उड़कर हिमालय जाते हैं जहां पर कालनेमि ने खुद को एक ऋषि के रूप में प्रच्छन्न किया और हनुमान जी को लुभाने के लिए एक झील के पास एक जादुई धर्मोपदेश में खड़ा  हो गया.

हनुमान जी जब उस परिसर मे बने तालाब में स्नान करने के लिए उतरे तो जल में पहले से मौजूद एक मगरी ने उनका पैर पकड़ लिया. हनुमान जी ने उस मगरी का वध कर दिया . जैसे ही मगरी मृत्यु को प्राप्त हुई वह अप्सरा बन गई. अप्सरा ने हनुमान जी को यह बताया कि यह जो साधु के वेश बैठा है, वह मुनि नहीं है , बल्कि वह एक मायावी राक्षस कालनेमि है. यह जानकर हनुमान जी ने कालनेमि का वध कर दिया.

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