चिटहैरा भूमि घोटाले में सीएम योगी के निर्देश के बाद 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी यशपाल तोमर पर भी धारा 467, 468, 476 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.
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गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में सैकड़ों एकड़ जमीन घोटाले के मामले में जिले की पुलिस ने दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. कूट रचित दस्तावेज और धोखाधड़ी की धाराओं में यह मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि इस घोटाले में कई सफेदपोश नेता और यूपी ही नहीं देश के कई बड़े ब्यूरोक्रेसी के अफसरों का नाम शामिल है, जिन्होंने इस जमीन घोटाले में अपनी रोटी सेकी है. पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के मुताबिक इसमें कई बड़े धोखाधड़ी के मामले हैं, जिसकी जांच की जा रही है जल्द ही इसमें कई लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.
क्या है दादरी जमीन घोटाला?
नोएडा के दादरी थाने के ग्राम चिटहेरा एवं प्रबंधन समिति द्वारा जुलाई 1997 को 282 लोगों को कृषि भूमि आवंटन का प्रस्ताव दिया गया था. उस वक्त के जिलाधिकारी द्वारा 20 अगस्त 1997 को स्वीकृति प्रदान की. आरोप है कि मुख्य आरोपी यशपाल तोमर ने कर्मवीर, बेलू तथा कृष्णपाल जो यशपाल के गांव बरवाला के रहने वाले थे. उनके नाम सैकड़ों बीघा जमीन चिटहेरा निवासी बनाकर पट्टा कराएगा, जबकि जांच के दौरान पता चला कि यह लोग इतने गरीब है कि पढ़ना लिखना भी नहीं जानते. इतना ही नहीं इन लोगों के नाम से जमीन की पावर अटार्नी अपने परिचित नौकर के पुत्र वीरेंद्र सिंह के नाम करा दिया. साथ ही अधिकारियों से मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.
यशपाल तोमर बड़े बड़े लोगों से रखता था संपर्क
कुल मिलाकर जांच पड़ताल से साबित होता है कि यशपाल तोमर बड़े-बड़े लोगों से संपर्क रखता था. बिहार से लेकर राजस्थान, पंजाब से लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बड़े लोगों के संपर्क में था. इस वजह से असानी से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मुआवजा लिया गया, जो करोड़ों की तादात में है. न्यायालयों के निष्कर्षों का पत्रावली पर उपलब्ध होते हुए भी संज्ञान में नहीं लिया गया. 576 में रंगों के बारे में कूट रचित दस्तावेज और छल के प्रयोजन से कूट रचना करते हुए उन्हें असली के रूप में प्रयोग किया गया. राष्ट्रीय राजधानी अनियन सियार क्षेत्र में भूमि की और आवासों की बढ़ती आवश्यकता के बावजूद यह छल किया गया, जिसके चलते यह साबित हो गया कि सब कुछ रसूख और अधिकारियों के संरक्षण में हुआ. स्थगन आदेश के बावजूद भी उल्लंघन किया गया. यशपाल तोमर और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाने की संस्तुति की गई. मुख्यमंत्री की तरफ से बकायदा वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई और भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया.
इन पर दर्ज हुआ है जमीन घोटाले का मुकदमा
सीएम के निर्देश के बाद 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी यशपाल तोमर पर भी धारा 467, 468, 476 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. वहीं इस लिस्ट में कई सेफदपोश और ब्यूरोक्रेसी से जुड़े लोगों का भी नाम सामने आ रहा है. जिन 9 लोगों के खिलाफ जमीन घोटाले में मुकदमा दर्ज हुआ है. उसमें पहला नाम एस्माल, दूसरा नरेंद्र कुमार, तीसरा कर्मवीर, चौथा वैल्यू, पांचवा कृष्णपाल छठवां यम भास्करण, सातवा केएम संत उर्फ खतरे मल, आठवां गिरीश वर्मा और नवा श्रीमती सरस्वती देवी इन सभी के अलग-अलग पते हैं.
इन अफसरों के परिजनों का नाम है FIR में शामिल
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