शाहजहांपुर में दिवाली से एक दिन पहले उल्लू पूजन की है परंपरा, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होते हैं शामिल
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शाहजहांपुर में दिवाली से एक दिन पहले उल्लू पूजन की है परंपरा, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होते हैं शामिल

शाहजहांपुर: डिग्री कॉलेजों के यह प्रोफेसर पिछले 12 सालों से उल्लू का पूजन करते चले आ रहे हैं. दीपावली से ठीक 1 दिन पहले होता है. जिसमें साल की सबसे बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए सूर्यास्त के वक्त इस उल्लू पूजन को किया जाता है. 

शाहजहांपुर में दिवाली से एक दिन पहले उल्लू पूजन की है परंपरा, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होते हैं शामिल

शिव कुमार/शाहजहांपुर: उल्लुओं का भी पूजन भी होता होगा, ये बात सुनने में कुछ अटपटी सी लग सकती है. लेकिन यह एक दम सच है. शाहजहांपुर के डिग्री कॉलेज के तमाम प्रोफेसर इकट्ठा होकर नदी के किनारे उल्लू का पूजन करते हैं. डिग्री कॉलेजों के यह प्रोफेसर पिछले 12 सालों से उल्लू का पूजन करते चले आ रहे हैं. ये उल्लू पूजन दीपावली से ठीक 1 दिन पहले होता है. जिसमें पूरे साल की सबसे बड़ी समस्या से निजात पाने के लिए सूर्यास्त के वक्त इस उल्लू पूजन को किया जाता है. और पूजन के बाद इस उल्लू (प्रतीकात्मक) को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है.

विधि-विधान से किया पूजन, उल्ल की तस्वीर रखकर उतारी आरती
शहर में "पृथ्वी संस्था" की ओर से उल्लू पूजन किया गया.  जिसमें स्वामी सुखदेवानंद डिग्री कॉलेज से केमिस्ट्री के प्रोफ़ेसर डॉ. आलोक सिंह,कॉमर्स के प्रोफ़ेसर डॉ अनुराग अग्रवाल, इतिहास के प्रोफेसर डॉ विकास खुराना और फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ आलोक कुमार सहित कई प्रोफेसर गर्रा नदी के किनारे इकट्ठे हुए. उल्लू के लिए बनाई हुई विशेष आरती गाते हुए सभी ने विधि विधान से उल्लू का पूजन किया, सामने प्रतीकात्मक रूप में उल्लू की तस्वीर रखकर उसकी आरती उतारी गई. 

इस बार का उल्लू पूजन देश और उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ विपक्षियों की घटिया सोच, रूस यूक्रेन की लड़ाई से पैदा हालात और मिलावटखोरी से निजात पाने के लिए उल्लू पूजन किया गया. उल्लू पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए प्रोफेसर्स का कहना है कि देश की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार देश हित बड़े से बड़े फैसले रहे हैं. लेकिन विपक्षी लोग राजनीति के चलते टांग खींचने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई के साथ ही भारत में खाने पीने की चीजों में लगातार बढ़ती मिलावट खोरी से निजात पाने के लिए उल्लू पूजन किया गया है. 

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