शिकायतों का समाधान नहीं होने पर मुआवजे की दर 50 से लेकर 250 रुपये प्रतिदिन तक तय है.......इसमें उपभोक्ता को अधिकतम 30 हजार रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. अप्रैल के अंत तक उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है. तय सीमा के अंदर अगर उपभोक्ताओं को योजना का लाभ नहीं मिला, तो दंड के तौर पर पॉवर कॉर्पोरेशन उनको मुआवजा देगा. यह व्यवस्था पहले भी थी मगर, मगर ऑफलाइन सिस्टम होने की वजह से इंजीनियर उपभोक्ताओं को दौड़ाते रहते थे. अब इसको ऑनलाइन किया जा रहा है ऐसे में जल्द ही सभी लोग इसका लाभ ले सकेंगे.
अप्रैल के अंत में मिलने लगेगा मुआवजा
तय समय सीमा में समस्या का समाधान नहीं होने पर मुआवजा कानून के तहत निर्धारित प्रतिदिन के आधार पर उपभोक्ता मुआवजा पाने का हकदार होगा. शिकायतों का समाधान नहीं होने पर मुआवजे की दर 50 से लेकर 250 रुपये प्रतिदिन तक तय है.इसमें उपभोक्ता को अधिकतम 30 हजार रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. अप्रैल के अंत तक उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा.
साल 2020 में बना था कानून
बिल सही कराने से लेकर कनेक्शन देने के मामले में इंजीनियर बिजली ग्राहकों को महीनों इधर से उधर दौड़ाते थे. इससे निपटने के लिए साल 2020 में स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन, 2019 मुआवजा कानून बना था. इस सिस्टम को ऑनलाइन करने में कंपनियों को काफी समय लग गया. दो साल से ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा.
इतने दिन के अंदर देना होगा मुआवजा
अब कन्ज्यूमर की किसी भी परेशानी को हल करने में बिजली कंपनियां अगर लेट करती हैं, तो उसका मामला मुआवजा कानून के लिए उपयुक्त हो जाएगा. उपभोक्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर किसी भी जरिए से ऑनलाइन मुआवजा की मांग करेगा. उसके बाद से कार्रवाई शुरू हो जाएगी. नियम के मुताबिक व्यवधान के लिए बिजली कंपनियों को जो मुआवजा देना होगा, वह उपभोक्ता के बिजली बिल में जुड़ हो जाएगा. इसमें अधिकतम 60 दिन में उपभोक्ता को मुआवजा देना ही होगा.
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