Farmers News:देश की पहली मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वैन, किसानों के खेत पहुंच करेगी बीमार पौधों की जांच और इलाज
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Farmers News:देश की पहली मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वैन, किसानों के खेत पहुंच करेगी बीमार पौधों की जांच और इलाज

झांसी: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई इस मोबाइल वैन से कृषि वैज्ञानिक गांव पहुंचकर मिटटी की गुणवत्ता जांचने के साथ ही फसलों की बीमारी की जांच कर उसके निराकरण की सलाह देंगे. 

Farmers News:देश की पहली मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वैन, किसानों के खेत पहुंच करेगी बीमार पौधों की जांच और इलाज

अब्दुल सत्तार/झांसी: झांसी के रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने देश का पहला मोबाइल हेल्थ क्लीनिक वैन तैयार किया है. इस मोबाइल वैन में उपलब्ध तकनीकी की मदद से विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक गांव पहुंचकर मिटटी की गुणवत्ता जांचने के साथ ही फसलों की बीमारी की जांच कर उसके निराकरण की सलाह देंगे. यह मोबाइल वैनत किसानों को सलाह देने के अलावा बीमारियों की पहचान और समाधान के लिए जागरूक करेगी.

इस वैन में लेमिनार फ्लो, माइक्रोस्कोप, इन्क्यूबेटर, रेफ्रिजरेटर, मैग्नीफाइंग ग्लास, इलेक्ट्रानिक बैलेंस, रोटरी शेकर, मृदा परीक्षण संस्तुति मीटर सहित कई आधुनिक उपकरण मौजूद हैं. वैन के माध्यम से चयनित गांव में कैम्प लगाकर फसलों की बीमारी और मिट्टी की जांच कर किसानों को सलाह देने का काम करेंगे. मिटटी की जांच करने वाली मशीन चैदह तरह के तत्वों की जांच करके उसकी रिपोर्ट प्रिंट कर तत्काल किसानों को उपलब्ध कराएगी.

प्लांट पैथोलॉजी विभाग के हेड डॉ प्रशांत जाम्भूलकर के मुताबिक इस वैन का उद्द्येश्य है कि किसानों तक पहुंचकर उन्हें सलाह दी जाए. फसलों में लगने वाले कीड़े और मिटटी की उर्वरक क्षमता की जांच करने वाले सारे उपकरण वैन में उपलब्ध हैं. इसके माध्यम से सभी तरह के विशेषज्ञ टीम के रूप में गांव में जाकर कैम्प लगाएंगे. हम ऐसे किसानों को विश्वविद्यालय से जोड़ेंगे, जिससे वह भविष्य में भी अपनी समस्याओं को लेकर हमसे संपर्क कर सकें.

डॉ जाम्भूलकर के मुताबिक किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच दूरी कम करने में भी इससे मदद मिलेगी. वैन के बाहर एक एलईडी लगी है, जिसके माध्यम से हम फसलों से जुडी सामान्य बीमारियों की जानकारी देंगे. साथ ही बीमारियों से सम्बंधित गाइड बुकलेट भी किसानों को देंगे. गांव में शिक्षित युवाओं को चिह्नित कर विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण देंगे. जिससे वह बीमारियों की पहचान कर लोगों को सलाह दे सकें. वह गांव में हमारा एम्बेसडर होगा. देश में यह अपनी तरह का पहला वैन है जो मिटटी की जांच के साथ ही पौधों की सुरक्षा और उनकी बीमारियों को लेकर जानकारी देता है.

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