बाराबंकी में बोले मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गरीबों का हक मारने वालों को नहीं बख्शेगी सरकार
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बाराबंकी में बोले मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गरीबों का हक मारने वालों को नहीं बख्शेगी सरकार

मत्स्य मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने कहा कि मछली पालन योजनाओं में गरीबों का अधिकार हड़पने वाले माफियाओं के खिलाफ जांच पड़ताल शुरू करा दी गयी है. ऐसे किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा जो गरीबों का हक मारेगा. 

बाराबंकी में बोले मत्स्य मंत्री संजय निषाद, गरीबों का हक मारने वालों को नहीं बख्शेगी सरकार

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी:  योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बाराबंकी दौरे के दौरान मछली पालन से जुड़ी कई सरकारी योजनाओं की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि मछुआरा समुदाय के लोगों को मैं धन्यवाद देता हूं कि जिन्होंने सड़क से सदन तक उनको पहुंचाया. संजय निषाद ने कहा कि अपने समुदाय के हित की रक्षा और उनको विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हम और हमारी सरकार संकल्पित हैं. संजय निषाद ने कहा कि बाराबंकी जिले में बहुत सारे पोखर हैं और यहां मछुआरा समुदाय के काफी लोग भी हैं. वह सिंघाड़े की खेती को भी हाईटेक बनाने में लगे हैं.

बाराबंकी जिले के निरीक्षण भवन, पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस और जिला पंचायत कार्यालय में मत्स्य मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने मछुआरा समुदाय के लोगों को मत्स्य पालन योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अन्तर्गत मत्स्य पालन में वित्तीय सहायता के लिए एक जुलाई 2022 से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं, जो 20 जुलाई तक लिए जाएंगे.

ऑनलाइन आवेदन के बाद ही संभव होगा
 मंत्री संजय निषाद ने कहा कि विभागीय पोर्टल http://fymis.upsdc.gov.in पर मछुआरा समुदाय और मत्स्य पालक साथी आवेदन करें, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत संचालित होने वाली लगभग 25 परियोजनाओं में वित्तीय लाभ के लिए अनुदान दिया जाएगा। इनमें एससी/एसटी महिलाओं के लिए परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अनुदान यानी दस हजार में छह हजार और सभी वर्ग के पुरुषों को 40 प्रतिशत यानी 10 हजार में चार हजार लोगों को अनुदान दिया जाएगा लेकिन ये सब ऑनलाइन आवेदन के बाद ही संभव होगा.

गरीबों का हक मारने वालों को बख्शा नहीं जाएगा-  संजय निषाद
 निषाद ने बताया कि इस योजना में मुख्य रूप से तालाब निर्माण, मछली पालन में होने वाला व्यय, मत्स्य बीच हैचरी की स्थापना, बायोफ्लाप टैंक, विभिन्न श्रेणी के छोटे, माध्यम, और बड़े आकार के आरएएस और बायोफ्लाक टैंक, विभिन्न श्रेणी की फिश फीड मिल, साइकिल आइस बॉक्स, मोटरसाइकिल आइस बॉक्स और थ्री व्हीलर आइस बॉक्स के साथ इंसुलेटेड वाहन, रेफ्रीजरेटर वाहन, मत्स्य बीच नर्सरी, घर के आगे और पीछे छोटे तालाब, मनोरंजन युक्त तालाब, जिंदा मछली विक्रय केंद्र और केज कल्चर जैसी परियोजनाएं प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि मछली पालन योजनाओं में गरीबों का अधिकार हड़पने वाले माफियाओं के खिलाफ जांच पड़ताल शुरू करा दी गयी है. ऐसे किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा जो गरीबों का हक मारेगा. 

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