Gorakhpur News: कैंपियरगंज क्षेत्र में 80 नावें लगाई गई है. जहां कहीं भी नाव की आवश्यकता है. वहां प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है.
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Flood in UP: उत्तर प्रदेश में लगातार हुई बारिश से प्रदेश के कई जिलों बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. प्रदेश की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग की टीमें भी 24 घंटे तटबंधों की निगरानी कर रही हैं. सरयू नदी खतरे के निशान से करीब 84 सेमी ऊपर बह रही है. पानी का दबाव तटबंधों पर लगातार बढ़ रहा है.बाढ़ से प्रभावित 120 गांवों में से 42 चारों ओर से जलमग्न हो चुके हो चुके हैं.
लगातार बढ़ रहा राप्तीनदी का जलस्तर
गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर 75.170 मीटर रिकॉर्ड किया गया.नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी है. राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है. बाढ़ से 13.42लाख से अधिक आबादी प्रभावित है. जबकि 81690 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है. प्रशासन लगातार बंधों की निगरानी कर रहा है. जहां कही भी रिसाव हो रहा है तत्काल उसे सही कराया जा रहा है. नदियों के किनारे के गांव में बचाव कार्य के इंतजाम किए जा रहे है. साथ ही मुनादी कराकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तहसील सहजनवा में 30 नावे लगाई गई है.
पुलिस ,रेवेन्यू और इरीगेशन डिपार्टमेंट की टीमें कर रही निगरानी
कैंपियरगंज क्षेत्र में 80 नावें लगाई गई है. जहां कहीं भी नाव की आवश्यकता है. वहां प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं.सरयू और रोहिन नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पुलिस ,रेवेन्यू और इरीगेशन डिपार्टमेंट सभी तटबंध की निगरानी कर रहे है. जहां कहीं भी कट हुए है. उसे फिर से भरने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. वर्तमान में 86 बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कर दिया गया है लो लेवल गांव जो 146 है. वहां पर जाकर गांव में मुनादी का कार्य किया जा रहा है और लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि नदी किनारे ना जाएं और बच्चों पर विशेष ध्यान दें कि बच्चे नहाने ना जाए.बाढ़ में फंसे ग्रामीणों ने बताया कि नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है जिससे आने जाने में काफी दिक्कतें हो रही है खाने पीने में भी काफी दिक्कतें हो रही हैं. हम लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर है.
बाढ़ से 120 गांव हुए प्रभावित
सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ का तांडव जारी है. कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 129 गांव बाढ़ की चपेट में हैं जबकि 46 गांव मेरुण्ड हैं. कल शाम सिद्धार्थनगर जिले के इटवा ढेबरुआ मार्ग पर एक रिक्शे पर सवार 4 लोगों के बहने की वजह से प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. जिलाधिकारी संजीव रंजन और पुलिस कप्तान अमित कुमार आनंद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और उन्हें राहत पहुंचाने में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है.
लखीमपुर खीरी में घाघरा उफान पर
लखीमपुर खीरी में बीते 1 सप्ताह से हो रही लगातार बारिश और बनबसा बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते जिले में मुख्य रूप से प्रभावित करने वाली घाघरा और शारदा नदी उफान पर आ गई है. कई गांव मैं या तो पानी भर गया है या फिर टापू में तब्दील हो गए हैं. कई जगह सड़को पर पानी क्रॉस कर चुका है तो कही कई फिट पानी का जल भराव नजर आ रहा है. एक लाख 59 हजार के करीब आबादी प्रभावित हुई है. हालांकि अभी तक जनहानि की कोई सूचना नहीं है लेकिन एहतियातन जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को अलर्ट रहने और बाढ़ राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं जिस के क्रम में लगातार लंच पैकेट व त्रिपाल बाढ़ पीड़ितों को दिए जा रहे हैं.
प्रदेश के कई जिले हुए प्रभावित
प्रदेश के इन जिलों के 1370 गांव बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित हैं. बलरामपुर के 287, सिद्धार्थनगर के 129, गोरखपुर के 120, श्रावस्ती के 114, गोंडा के 110, बहराइच के 102, लखीमपुर खीरी के 86, बाराबंकी में 82, बुलन्दशहर के 68, महराजगंज के 63, आजमगढ़ के 60, सीतापुर के 57, बस्ती के 32, संतकबीरनगर के 19 कुशीनगर के 14, मऊ 13, अयोध्या के 12 और अंबेडकरनगर के 2 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
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