Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में बेअसर दिख रहीं पाबंदियां, बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान, AQI 300 के पार
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Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में बेअसर दिख रहीं पाबंदियां, बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान, AQI 300 के पार

Ghaziabad Pollution: केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए ग्रैप (GRAP) का तीसरा चरण लागू करने की बात की है, लेकिन इनका पालन होता नजर नहीं आ रहा है.

Ghaziabad Pollution: गाजियाबाद में बेअसर दिख रहीं पाबंदियां, बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान,  AQI 300 के पार

पीयूष गौड़/गाजियाबाद: दिल्ली समेत गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार लोगों को हलकान कर रहा है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार 300 और 400 के आसपास नजर आ रहा है. इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए ग्रैप (GRAP) का तीसरा चरण लागू करने की बात की है, लेकिन इसमें दी गई हिदायतों का गाजियाबाद में कहीं भी पालन होता नजर नहीं आ रहा है.

तीसरे चरण के निर्देशों में इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए रोस्टर प्लान लागू किए गए हैं, वहीं निर्माण और डिमोलिशन के कार्यों पर रोक लगा दी है लेकिन इसके बाद भी गाजियाबाद में कंस्ट्रक्शन का काम जोरों से चल रहा है. शायद यहां के बिल्डर और साइट चलाने वाले ठेकेदार नियमों की कोई परवाह नहीं कर रहे हैं और हो भी क्यों ना शायद अधिकारी ही उन्हें ऐसा करने दे रहे हैं क्योंकि कोई उन्हें रोक नहीं रहा है.

वहीं, वाटर कैनन के द्वारा छिड़काव की बात नगर निगम के द्वारा कई जरूर जा रही है लेकिन पड़ताल में पेड़ों पर कदर धूल जमा नजर आई और कंस्ट्रक्शन का सामान भी सड़कों पर बिना ढके पड़ा है जोकि हवा में प्रदूषण को और बढ़ावा दे रहा है. 

ग्रैप के तीसरे चरण में तमाम तरीके के ऐसे निर्देश हैं. जिसमें इंडस्ट्री के काम में आने वाले ईंधन को बायोमास और एलपीजी से चलाने के निर्देश हैं. कंपनियां भी लगातार इन निर्देशों की अनदेखी करती हुई नजर आ रही हैं. इसके साथ-साथ रेस्टोरेंट और धागों में भी लकड़ी के बुरादे से बने हुए ईंधन के प्रयोग की बात कही गई है. यहां भी ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. वाहनों के लिए भी बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल के सड़कों पर उतरने और कमर्शियल वाहनों के चलाने पर भी रोक की बात है पर कहीं कोई असर नहीं दिखाई देता है. 

गाजियाबाद प्रदूषण बोर्ड की तरफ से कोई भी अधिकारी इस बाबत बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है. उनके मुताबिक लखनऊ के अधिकारी ही कोई अधिकारिक बयान इस संबंध में दे पाएंगे. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा उठाए जा रहे सारे कदम केवल एक कागजी कार्रवाई बन जाएंगे या उनको जमीन पर भी लागू करवाया जाएगा, जिससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिल पाए. 

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