सुसाइड करने वाले जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग, शव रखकर परिजनों ने लगाया जाम
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सुसाइड करने वाले जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग, शव रखकर परिजनों ने लगाया जाम

आक्रोशित लोगों ने मेन रोड पर शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बात की सूचना पुलिस को मिली तो फोर्स घटनास्थल पर पहुंची. वहां पर परिजनों और आसपास के लोगों ने कहा कि धनंजय को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही, उसका शव सैन्य सम्मान के साथ आना चाहिए था. अब उसका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ हो...

सांकेतिक तस्वीर.

गोरखपुर: कुछ दिन पहले सिक्किम में तैनात गोरखपुर के हवलदार धनंजय के सुसाइड करने की खबर सामने आई थी. 25 मार्च को हवलदार का मृत शरीर उसके परिवार वाले गोरखपुर वापस लेकर आए. बताया जा रहा है कि इस दौरान परिजनों ने भोपा बाजार में हवलदार की बॉडी रखकर जाम लगा दिया. उनकी मांग है कि मृतक हवलदार को शहीद का दर्जा दिया जाए. डीएम को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर परिजन काफी देर तक जिद पर अड़े रहे.

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सैन्य सम्मान के साथ नहीं आया शव, इस बात पर नाराज लोग
दरअसल, 20 मार्च को धनंजय के पिता रामनाथ को सेना के अधिकारियों की तरफ से फोन आया. उन्हें बताया गया कि उनका बेटा कैंप से कहीं गायब हो गया है. 22 मार्च को उन्हें खबर मिली कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है. इसके बाद शुक्रवार को मृतक धनंजय के परिजन बॉडी लेकर सिक्किम से गोरखपुर वापस आए. इसके बाद आसपास के लोग इस बात को लेकर नाराज हो गए कि शव को सैनिक सम्मान के साथ क्यों नहीं लाया गया. धनंजय को शहीद का दर्जा भी नहीं मिला. 

बॉडी रखकर लगा दिया जाम
फिर आक्रोशित लोगों ने मेन रोड पर शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस बात की सूचना पुलिस को मिली तो फोर्स घटनास्थल पर पहुंची. वहां पर परिजनों और आसपास के लोगों ने कहा कि धनंजय को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही, उसका शव सैन्य सम्मान के साथ आना चाहिए था. अब उसका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ हो.

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एक करोड़ मुआवजा, बहन को मिले नौकरी
इतना ही नहीं, लोगों की मांग है कि परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिले. इसके अलावा, उसकी बहन को नौकरी और नई बाजार से फैलहा तक जाने वाली सड़क को धनंजय का नाम दिया जाए. विवाद इतना बढ़ गया कि लोग चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान रेलवे ट्रैक पर भी पहुंच गए और ट्रेन रोकने की कोशिश की. 

वाजिब मांगें पूरी कराने का आश्वासन
हालांकि, बताया जा रहा है कि पुलिस उन्हें किसी तरह से शांत कराकर वापस ले गई, लेकिन लोग अपनी जिद पर काफी देर तक अड़े रहे. उन्हें यह कहकर शांत कराया गया है कि सैनिक के परिवार की वाजिब मांगों को पूरा कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से बात की जाएगी. धनंजय ने सुसाइड किया था. अब उसे सैनिक सम्मान देने का निर्णय आर्मी के अफसरों का है.

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