Guru Nanak Jayanti 2022: कब है गुरु नानक जयंती? जानें किसने की थी सिख धर्म की शुरुआत, नोट करें गुरु पर्व की तारीख और इतिहास
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Guru Nanak Jayanti 2022: कब है गुरु नानक जयंती? जानें किसने की थी सिख धर्म की शुरुआत, नोट करें गुरु पर्व की तारीख और इतिहास

इस वर्ष 2022 में गुरु नानक जयंती 8 नवंबर को मनाई जाएगी... इस दिन पूरे देश में उत्सव का माहौल रहेगा... कई सारे जगहों पर समारोह का आयोजन किया जाएगा.. इस वर्ष गुरु नानक का 553वां जयंती मनाया जा रहा है..

 

Guru Nanak Jayanti 2022: कब है गुरु नानक जयंती? जानें किसने की थी सिख धर्म की शुरुआत, नोट करें गुरु पर्व की तारीख और इतिहास

Guru Nanak Jayanti 2022: हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है. सिख धर्म के पहले गुरु माने-जाने वाले गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस पर्व को प्रकाश गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं.  इस दिन गुरुद्वारे में कई तरह के धार्मिक आयोजन भी किए जाते हैं. जानें गुरु नानक जयंती की तिथि और इतिहास.

गुरु नानक जयंती 2022 डेट (Guru Nanak Jayanti 2022 Date)
इस बार कार्तिक पूर्णिमा 7 नवंबर को रात से प्रारंभ हो रहा है 8 नवंबर को रात में खत्म होगी. इस कारण लोग 8 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखेंगे और इसी दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी. 

गुरु नानक जयंती का इतिहास
गुरु नानक साहिब सिख धर्म के पहले गुरु माने जाते हैं.गुरु नानक देव जी ने जीवन भर मानवता और एक ईश्वर की प्रार्थना का संदेश दिया था. ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक सिख धर्म के पहले गुरु है.  15 अप्रैल 1469 को गुरु नानक देव का जन्म तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था.  इसी के कारण इन्हें नानक नाम से संबोधित किया जाता है.  यहां ननकाना साहिब नाम से गुरुद्वारा है.कहा जाता है कि गुरु नानक देव ने ही सिख समाज की नींव रखी थी. इसलिए उन्हें संस्थापक कहा जाता है.

गुरु नानक देव का विवाह 16 साल की उम्र में ही हो गया था. इनके दो पुत्र श्रीचंद और लख्मीचंद थे. बेटों के जन्म के बाद गुरु नानक देव अपने साथियों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकल गए.उन्होंने अपने जीवन के अधिकांश का हिस्सा यात्रा करते हुए व्यतीत किया और करतारपुर में देह त्याग किया. ये पावन जगह पाकिस्तान में है. नानक देव ने भारत, फारस, अफगानिस्तान अरब सहित कई देशों में भ्रमण करते हुए उपदेश दिए. इन यात्राओं को पंजाबी में 'उदासियां'कहते हैं.

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