H3N2 Flu Virus : 4 मार्च को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पुष्टि की कि इन्फ्लुएंजा सब-टाइप एच3एन2 की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रह है. आईसीएमआर के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 के पहले नौ हफ्तों में एच3एन2 के मामले बढ़ रहे हैं.
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H3N2 Virus Treatment: अगर आपको खांसी, बुखार, मतली, उल्टी, गले में खराश, बदन दर्द और दस्त जैसी समस्या है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है. ये इन्फ्लूएंजा ए के 'एच3एन2 वायरस' (H3N2 Virus) के लक्षण हो सकते हैं. पिछले कुछ दिनों से 'एच3एन2 वायरस' के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
IMA ने अलर्ट जारी किया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. आईएमए के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण 5 से 7 दिनों तक बने रहे सकते हैं. एच3एन2 से होने वाला बुखार 3 दिनों में उतर जाता है, लेकिन खांसी के लक्षण 3 हफ्ते तक बने रह सकते हैं. इसके लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं. ऐसे में होली पर जरा सावधानी बरतनी होगी.
सामान्य सर्दी-खांसी और एच3एन2 वायरस में अंतर समझें
बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में मौसम में जबरदस्त बदलाव देखा गया. बदलते मौसम में खांसी और बुखार होना आम समस्या है. चिंता का विषय यह है कि लोग सामान्य खांसी-बुखार या एच3एन2 वायरस से पैदा हुए लक्षणों के बीच अंतर को समझ नहीं पा रहे हैं. तो आइये एच3एन2 वायरस के लक्षण समझते हैं और कैसे इससे बच सकते हैं.
अस्पताल में भर्ती मरीजों में ये लक्षण
आईसीएमआर के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में भर्ती 92% मरीजों में बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलना, 16% को घरघराहट की समस्या थी. संस्था ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि 16% रोगियों को निमोनिया था और 6% को दौरे पड़ते थे. वायरस के कारण होने वाले सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से पीड़ित लगभग 10% रोगियों को ऑक्सीजन और 7% को ICU देखभाल की आवश्यकता होती है.
बुखार को नजरअंदाज न करें
बताया जा रहा है कि एच3एन2 वायरस की चपेट में आने वाले लोगों में बुखार-खांसी के अलावा सर्दी, लंग एलर्जी जैसे ब्रोंकाइटिस, सांस लेने में कठिनाई, सीने में बेचैनी जैसे लक्षण भी महसूस हो रहे हैं. ऐसे में अगर सामान्य बुखार भी आए तो इसे नजरअंदाज न करें. तुरंत अपने चिकित्सक से मिलें.
ऐसे करें बचाव
- अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं
- कोरोना की तरह अभी मास्क लगाएं
- नाक और आंखों को छूने से बचें
- छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को कवर करें
- तरल पदार्थों का खूब सेवन करें
- बुखार और बदन दर्द होने पर पेरासिटामोल लें
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