Haridwar: देशभक्ति एक ऐसी चीज है जो हर भारतीय को एक मकसद देती है. राष्ट्र के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा किसी को कहीं भी मिल सकती है. हरिद्वार जिला कारागार में हर घर तिरंगा अभियान का असर कुछ ऐसा हुआ कि हत्या, लूट और बलात्कार के आरोपी कैदी अब तिरंगा बनाने में जुट गए हैं. उन्हें खुशी है कि इस बार उनके बनाए तिरंगे जगह-जगह देश की आजादी की अलख जगाएंगे.
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आशीष मिश्रा/हरिद्वार: आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान की तैयारियां हर जगह जोरशोर से चल रही हैं. हरिद्वार जेल के कैदी भी अभियान को सफल बनाने में योगदान दे रहे हैं. जेल की सलाखों में बंद कैदी दस हजार तिरंगा झंडे बनाने में जुटे हैं. इसके लिए उन्हें सिलाई मशीन दी गई हैं. जेल में तैयार होने वाले तिरंगे झंडे बाजार में बिकने के बाद जब खुले आसमान में लहराएंगे. यही इन कैदियों की असली खुशी होगी.
20 सिलाई मशीन उपलब्ध कराई गईं
आजादी के अमृत महोत्सव पर केन्द्र और प्रदेश की सरकार हर घर तिरंगा लहराने की तैयारी कर रही है. पोस्ट ऑफिस से लेकर बाजारों में तिरंगा झंडों की बिक्री की जा रही है. जिला कारागार हरिद्वार में भी तिरंगा झंडे तैयार किए जा रहे हैं. कैदियों को 20 सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. बंदी व कैदी आपस में तिरंगा झंडे बनाने में जुटे हैं. जेल प्रशासन की ओर से झंडा बनाने के लिए कारागार में कपड़ा पहुंचाया गया है.
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बाजार में मिलेगा कैदियों का बनाया तिरंगा
बंदियों और कैदियों में तिरंगा बनाने को लेकर उत्साह है. आजादी के अमृत महोत्सव में बंदी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तिरंगा झंडा तैयार कर रहे हैं. जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने बताया कि करीब दस हजार तिरंगा झंडे बनाने का लक्ष्य रखा है. झंडे तैयार होने के बाद बाजार में बिक्री के लिए मुहैया कराए जाएंगे. कारागार में बंदियों और कैदियों से मुलाकात करने पहुंचने वालों को भी एक-एक तिरंगा मुहैया कराने की योजना है. इसी के साथ थी हर बेरिंक में तिरंगा झंडा लगाया जाएगा. जेल में बंद कैदियों के जीवन में बदलाव लाने की ये मुहिम काफी असरदार साबित हो रही है. देश भर की जेलों में कैदियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए इस तरह के अभियान चलाये जाने की जरुरत है.