कौशल राज्य की राजधानी हुआ करती थी अयोध्या, कहां से आ गया फैजाबाद नाम? जानिए पूरा इतिहास
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कौशल राज्य की राजधानी हुआ करती थी अयोध्या, कहां से आ गया फैजाबाद नाम? जानिए पूरा इतिहास

Ayodhya Ram Mandir: एक समय अयोध्या कौशल राज्य की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन नवाबों के दौर में फैजाबाद की नींव पड़ी और यह अवध रियासत की राजधानी बनी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2018 में फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. 

Ayodhya ka Itihas

नई दिल्ली: योगी सरकार ने शनिवार यानी आज फैजाबाद रेलवे जंक्शन का नाम बदल दिया. अब फैजाबाद रेलवे जंक्शन को अयोध्या कैंट (Ayodhya Cantt) के नाम से जाना जायेगा. एक समय अयोध्या कोशल राज्य की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन नवाबों के दौर में फैजाबाद की नींव पड़ी और यह अवध रियासत की राजधानी बनी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2018 में फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. 

अयोध्या का इतिहास 
अयोध्या की पहचान (Ayodhya ka Itihas) के एक प्राचीन शहर के रूप में होती है, जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता है. अयोध्या प्राचीन कोशल राज्य का हिस्सा था, जिसकी राजधानी साकेत (अयोध्या) थी. अयोध्या की स्थापना प्राचीन भारतीय ग्रंथों के आधार पर ई.पू. 2200 के आसपास माना जाता है. इसका उल्लेख कई हिंदू पौराणिक ग्रंथों में मिलता है. अयोध्या नाम का उल्लेख हिंदू ग्रंथों जैसे गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस में भी मिलता है. वहीं, बौद्ध मान्यताओं के अनुसार बुद्ध देव ने अयोध्या अथवा साकेत में 16 सालों तक निवास किया था. रामानंदी संप्रदाय का मुख्य केंद्र अयोध्या ही हुआ. 

18वीं सदी में बसा फैजाबाद शहर 
लखनऊ से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर सरयू किनारे स्थित फैजाबाद शहर की स्थापना 18वीं शताब्दी में नवाब सआदत अली खान ने की थी. उनके उत्तराधिकारी मंसूर खान ने अयोध्या को अपना सैन्य मुख्यालय बनाया और मंसूर के बेटे शुजा-उद-दौला ने फैजाबाद को एक प्रमुख शहर के रूप में विकसित करने के अलावा अयोध्या को अवध की राजधानी बनाया. यह वह दौर था जब यह शहर अपनी बुलंदियों पर था. शुजाउद्दौला का समय एक तरह से फैजाबाद के लिए स्वर्णकाल कहा जा सकता है. अवध के चौथे नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा 1775 में राजधानी को लखनऊ स्थानांतरित करने तक यह शहर प्रमुख रहा. 

रामायण काल में  साकेत से जाना जाता था फैजाबाद
रामायणकाल में फैजाबाद का नाम साकेत था. अयोध्‍या नगरी फैजाबाद जिले में ही आती है, जिले का नाम बदलकर अयोध्‍या कर दिया गया है. मान्यता है कि भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे तब भरत उनसे मिलने जिस जगह पर आए थे, वह फैजाबाद मुख्यालय से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है. यहां भरतकुंड भी है. 

जिले के रूप में फैजाबाद का इतिहास
1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान प्रदेश को आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत के रूप में जाना गया. जिसका 1950 में नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया. यूपी की स्थापना के बाद से फैजाबाद की पहचान प्रदेश के एक जिले के तौर पर हुई. साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया. सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या हमारी 'आन, बान और शान का प्रतीक है, साथ ही अयोध्या की पहचान भगवान राम से है. 

फैजाबाद का राजनीतिक इतिहास 
लोकसभा क्षेत्र को फैजाबाद कहा जाता है. वर्तमान में यहां से भाजपा के लल्लू सिंह सांसद हैं. इसमें पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, सभी पर भाजपा के विधायक हैं. आजादी से 1971 तक, फैजाबाद में कांग्रेस के सांसद रहे. 1977 में, समाजवादी नेता अनंतराम जायसवाल ने भारतीय लोक दल (बीएलडी) पर जीत हासिल की, कांग्रेस ने 1980 और 1984 में सीट पर कब्जा कर लिया. अयोध्या आंदोलन के एक प्रमुख नेता विनय कटियार (भाजपा) ने 1991, 1996 और 1999 में जीत हासिल की. 

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