IAS Grand Parents Commits Suicide: बुजुर्ग दंपति आईएएस (IAS) विवेक आर्य के दादा और दादी थे. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे बेटे के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन खाने में हमें सूखी और बासी रोटी देता है.
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IAS Grand Parents Commits Suicide: किसी के पास करोड़ों की संपत्ति हो और बेटा बड़े ओहदे पर हो, बावजूद दादा-दादी खाने को तरस जाएं, यह सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी लेकिन यह सच है. हरियाणा में एक बुजुर्ग दंपति खाने को तरसा तो मौत को गले लगा लिया. बुजुर्ग दंपति ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक दंपति ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ गए हैं. इसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला हरियाणा के चखरी दादरी का है और आत्महत्या करने वाले दोनों बुजुर्ग दंपति आईएएस (IAS) विवेक आर्य के दादा और दादी थे. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे बेटे के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन खाने में हमें सूखी और बासी रोटी देता है. कब तक इस मीठे जहर को खाते इसलिए हमने सल्फास की गोलियां खा लीं. सुसाइड नोट पढ़कर पुलिस भी चौंक गई.
चिकित्सकों ने मृत घोषित किया
सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर परिवार के 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक, मूलरूप से गोपी निवासी जगदीशचंद और भागली देवी अपने बेटे वीरेंद्र के पास बाढड़ा के शिव कालोनी में रहते थे.
करनाल में ट्रेनी है IAS पोता
वीरेंद्र आर्य का बेटा विवेक आर्य 2021 बैच का आईएएस अधिकारी है. वर्तमान में वह करनाल में ट्रेनी काम कर रहे हैं. बुधवार रात जगदीशचंद आर्य और उनकी पत्नी भागली देवी ने बाढड़ा स्थित अपने आवास पर जहरीला पदार्थ निगल लिया और देर रात जगदीशचंद आर्य ने जहर निगलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी.
बेटा बोला, दोनों बीमार चल रहे थे
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बाढड़ा थाने से भी पुलिस टीम को मौके पर बुलाया गया. वहीं, पुलिस को जगदीशचंद ने सुसाइड नोट भी सौंपा. हालत बिगड़ने पर बुजुर्ग दंपती को पहले बाढड़ा के निजी अस्पताल ले जाया गया और वहां हालत गंभीर होने के चलते उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया. दादरी अस्पताल में चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. वहीं मृतक के बेटे वीरेंद्र ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव में दोनों बीमारी के चलते परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया है.
सुसाइड नोट में क्या लिखा
सुसाइड नोट में दंपति ने लिखा कि मैं जगदीश चंद आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं. मेरे बेटों के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं. मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था. 6 साल पहले उसकी मौत हो गई. कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया. मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया.
बासी आटे की रोटी देने का आरोप
उन्होंने लिखा जब मैंने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी. क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे. इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया. मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया. इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे. अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी देना शुरू कर दिया. ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली. मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधु, एक बेटा व एक भतीजा है.
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