गाय के गोबर से बने दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की विदेशों में भारी डिमांड, महिला कैदी कर रहीं तैयार
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गाय के गोबर से बने दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की विदेशों में भारी डिमांड, महिला कैदी कर रहीं तैयार

 मुरादाबाद जेल के अंदर महिला कैदियों को गाय के गोबर से मूर्तियां और दीपक बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी. जिसके बाद से यह महिला बंदी मुरादाबाद और मेरठ जेल के अंदर दीपक और मूर्तियां बना रही हैं. महिला बंदी, पहले तो डॉमेस्टिक मार्केट के लिए मूर्ति बना रहीं थी जिनकी अमेजॉन के जरिए पूरे देश में सप्लाई की जा रही थी. इन लोगों के हाथ की बनी मूर्तियों की वजह से  विदेशों में भी जबरदस्त डिमांड है. 

गाय के गोबर से बने दीपक और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की विदेशों में भारी डिमांड, महिला कैदी कर रहीं तैयार

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) की मुरादाबाद और मेरठ जिला जेल में बंद महिला कैदी इन दिनों आत्मनिर्भर बन रही है. जेल में बंद रहकर वो गाय के गोबर से दीपक और लक्ष्मी-गणेश (Laxmi-Ganesh) की मूर्तियां बना रही हैं. इन मूर्तियों को डोमेस्टिक मार्किट में अमेजन (Amazon) के जरिए सप्लाई किया जा रहा है. इन दिनों ये महिला बंदी विदेशों से मिले मूर्तियों के आर्डर को एक एनजीओ के जरिए तैयार कर रही हैं.

महिला कैदियों को मिली थी ट्रेनिंग
मुरादाबाद के एनजीओ दिविज्ञा केयर फाउंडेशन ने मुरादाबाद जेल के अंदर महिला कैदियों को गाय के गोबर से मूर्तियां और दीपक बनाने की ट्रेनिंग दी थी जिसके बाद से यह महिला बंदी मुरादाबाद और मेरठ जेल के अंदर दीपक और मूर्तियां बना रही हैं. महिला बंदी पहले तो डॉमेस्टिक मार्केट के लिए मूर्ति का निर्माण कर रही थी और इनकी सप्लाई अमेजॉन के जरिए पूरे देश में की जा रही थी. अब वहीं अब इन लोगों के हाथ की बनी मूर्तियों की वजह से विदेशों में भी जबरदस्त डिमांड है. वहीं एनजीओ की संचालिका की मानें तो महिला बंदियों की मूर्तियां और दीपक की जबरदस्त डिमांड है. उनका कहना है कि महिला बंदी भी इसमें इंटरेस्ट ले रही है. विदेशों से मूर्तियों के लिए लगातार ऑर्डर आ रहे हैं.

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यूएसए (USA) से भी मिल रहे हैं मूर्तियों के ऑर्डर
वहीं मुरादाबाद जेल के जेल सुपरिटेंडेंट वीरेश राज शर्मा की मानें तो महिला बंदियों को एनजीओ के जरिए गाय के गोबर से मूर्तियां बनाने की ट्रेनिंग दिलवाई गई थी. कई महिला कैदी इसमें इंटरेस्ट लेने लगीं तो बाद में 100 से ज्यादा महिला बंदी इन मूर्तियों के निर्माण में लग गई. पहले ये संख्या केवल 20 थी. वीरेश राज शर्मा ने कहा कि इस बार इन महिला बंदियों के मूर्तियों और दीपक के आर्डर यूएसए से भी मिले हैं जिनको एक एनजीओ के जरिए सप्लाई किया जा रहा है महिला बंदियां काफी उत्साहित हैं अमेजॉन से उनके ऑर्डर जगह-जगह जा रहे हैं तो वहीं अब विदेशों से भी उनके और रॉकी जबरदस्त डिमांड आ रही है.

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