Tantra Mantra In UP Politics: तांत्रिक ग्रंथ 'शक्ति संगम तंत्र में' दिल्ली का नाम 'योगिनीपुर' भी है, दरअसल यमुना के किनारे बसी 'योगिनीपुर' को साधना स्थल भी बताया गया है. यहीं पर उत्तर प्रदेश में गहरी जड़ें रखने वालीं एक PM को खिलाफ कथित 'मारण अनुष्ठान' को रोकने के लिए वाराणसी से दीक्षा लेने वाले धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के जासूस तक लगाए थे लेकिन क्या वह अनुष्ठान रोक पाए...
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Indira Gandhi Death Rituals Story: किस्सा 1980 का है.संजय गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद थे.आपातकाल के बाद कांग्रेस की किस्मत पर लगा ग्रहण कट चुका था. संजय गांधी दोबारा पुराने रौ में लौट रहे थे.23 जून 1980 को उन्होंने दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट से 'पिट्स S2' विमान से उड़ान भरी. काफी नीची उड़ान भरता हुआ उनका विमान हादसे का शिकार हो गया. संजय गांधी जिस 'पिट्स S2' विमान को उड़ा रहे थे, वह उनका नहीं था. उस विमान का मालिक लंबे-चौड़े आकर्षक शरीर वाला वह योगी था जिसे कुछ लोग 'भारत का रासपुतिन' भी करार देते हैं.
धीरेंद्र ब्रह्मचारी जब इंदिरा गांधी के राजकाज में देने लगें दखल
ग्रिगोरी रास्पुतिन, एक रहस्यमयी वैद्य, जोगी और तांत्रिक था जिसका रूस के अंतिम जार निकोलस द्वितीय और उनके परिवार पर बड़ा प्रभाव था.कहा जाता है कि रास्पुतिन इतना शक्तिशाली था कि जार से मनमाफिक फैसले करवा लेता था.संजय गांधी जिस बदकिस्मत 'पिट्स S2' विमान को उड़ा रहे थे, उसके मालिक के बारे में भी कुछ ऐसा ही कहा जाता है. दुनिया उसे धीरेंद्र ब्रह्मचारी के नाम से जानती है. धीरेंद्र ब्रह्मचारी, एक योगी जिसे नेहरू ने बेटी इंदिरा गांधी का योग सिखाने के लिए रखा था.कई लेखकों ने जिक्र किया है कि धीरे-धीरे इंदिरा पर इस योगी का प्रभाव इतना बढ़ गया कि वह उनके प्रधानमंत्रित्व काल में देश के राजकाज में भी दखल देने लगा.
यूपी का वह CM जिसके कथित तांत्रिक अनुष्ठान के बाद एक PM ने उससे इस्तीफा मांग लिया
विमान हादसे के बाद जब 'पिट्स S2' का जिक्र आया तो धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने दावा किया कि वह विमान उन्हें उनके शिष्यों ने महंगी कारों और दौलत के साथ भेंट किया था. इस वजह से उन्हें उस विमान को बिना कोई कस्टम ड्यूटी या किसी तरह के टैक्स दिए ही देश में लाने की इजाजत मिल गई थी.देश को झकझोर देने वाले उस हादसे के एक दिन बाद धीरेंद्र ब्रह्मचारी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए कहा था,"संजय बहुत अच्छे पायलट थे लेकिन मैंने उन्हें कई बार सचेत किया था कि वह ज्यादा कलाबाजियां न दिखाया करें."
बिहार के योगी का था इंदिरा गांधी पर बड़ा प्रभाव
उन हालात में भी शायद धीरेंद्र ब्रह्मचारी ही इतनी बेबाकी से ऐसी बात कह सकते थे. बेशक, श्रीमती इंदिरा गांधी की जड़ें उत्तर प्रदेश में थीं लेकिन उन पर बिहार के इस योगी का बड़ा प्रभाव था.धीरेंद्र ब्रह्मचारी, बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले थे लेकिन योग की दीक्षा उन्हें उत्तर प्रदेश में मिली. उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और गंगा के किनारे वाराणसी को अपनी कर्मस्थली बना लिया. वाराणसी के प्रसिद्ध महर्षि कार्तिकेय से उन्होंने योग सीखा और कहा जाता है कि बाद में वह तंत्र-मंत्र और गुप्त अनुष्ठानों में भी पारंगत हो गए.
तांत्रिक शक्तियों पर विश्वास करने लगी थीं इंदिरा गांधी
कहा जाता है कि इंदिरा को उनकी तांत्रिक शक्तियों पर बड़ा विश्वास था. धीरेंद्र ब्रह्मचारी भी श्रीमती इंदिरा गांधी को हर संकट से बचा कर रखना अपना फर्ज समझते थे. लिहाजा एक दिन इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यालय की घंटियां बजने लगीं. आईबी के पूर्व संयुक्त निदेशक मलयकृष्ण धर की किताब 'ओपन सीक्रेट' के मुताबिक उन्हें इंदिरा गांधी के खिलाफ किए जा रहे कथित 'मारण अनुष्ठान' को रोकने का आदेश मिला था. दरअसल, धीरेंद्र ब्रह्मचारी को आशंका थी कि श्रीमती गांधी को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके ही कैबिनेट का एक ताकतवर मंत्री तांत्रिकों की मदद ले रहा है. इस उद्देश्य से ही उस कैबिनेट मंत्री दिल्ली के ही प्राचीन, निगम बोध श्मशान घाट से 'मारण यज्ञ' करा रहा है.
इनको दी गई थी जिम्मेदारी
देश की आंतरिक गुप्तचर एजेंसी की कार्यप्रणाली पर लिखी गई किताब 'ओपन सीक्रेट' के मुताबिक इस 'मारण यज्ञ'को रोकने की जिम्मेदारी मलयकृष्ण धर को ही दी गई. इसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो के जासूस कई रातों तक दिल्ली के कई श्मशान घाटों की खाक छानते रहे. हालांकि अंत तक इस कथित यज्ञ का रहस्य नहीं खुल पाया, धर ने अपनी जांच में इस आशंका को बेबुनियाद पाया लेकिन धीरेंद्र ब्रह्मचारी उनकी जांच के नतीजों से खुश नहीं हुए. मलयकृष्ण ने जिक्र किया है कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने खुद उनसे सवाल-जवाब किया.
'मारण यज्ञ'की सच्चाई पर नहीं है कोई पुख्ता सबूत
ब्रह्मचारी ने धर से एक खास दिन शमशान में उस मंत्री के जाने के बारे में दरयाफ्त किया.धर ने जब बताया कि उस दिन वह मंत्री शमशान गया था.इस पर ब्रह्मचारी ने उसने पूछा कि तब भी क्या वह यकीन के साथ कह सकते हैं कि यज्ञ नहीं हुआ.इस पर मलयकृष्ण धर ने पूरे यकीन से जवाब दिया कि यज्ञ नहीं हुआ. इंटेलिजेंस ब्यूरो की इस रिपोर्ट के बावजूद धीरेंद्र ब्रह्मचारी, धर की जांच से संतुष्ठ नहीं हुआ.हालांकि 'मारण यज्ञ' हुआ था या नहीं यह सच्चाई कभी सामने नहीं आ सकी.
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