चंदन से महकेगा जालौन, युवा किसान ने 1 एकड़ खेत में लगाए 400 पौधे, 80 हजार खर्च के बाद होगा करोड़ों का फायदा
बुंदेलखंड जिसकी पहचान सूखा अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से तबाह किसानों के रूप में होती है.....वहीं बुंदेलखंड के जालौन में एक युवा किसान ने अन्य किसानों के लिए मिसाल बने हैं.... इस किसान ने अपने खेतों में चंदन की खेती कर बुंदेलखंड की बंजर जमीन में आशा की नयी उम्मीद जगाई है..
जितेन्द्र सोनी/जालौन: चंदन (Chandan) का नाम सुनते ही है दिल और दिमाग में खुशबू (Fragrance) महकने लगती है. भले ही चंदन कीमत में काफी महंगा होता है लेकिन इसके बाद भी जालौन में रहने वाले एक युवा किसान ने इसी चंदन को अपने आय का स्रोत बना लिया है. आइए जानते हैं चंदन की खेती कर अन्य लोगों के लिए मिसाल बनने वाले इस युवा किसान के बारे में.
बुंदेलखंड के किसानों के लिए नजीर
बुंदेलखंड जिसकी पहचान सूखा अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से तबाह किसानों के रूप में होती है. वहीं बुंदेलखंड के जालौन में एक युवा किसान ने अन्य किसानों के लिए नजीर पेश की है. इस किसान ने अपने खेतों में चंदन की खेती कर बुंदेलखंड की बंजर जमीन में आशा की नयी किरण जगाई है.
युवा किसान ने लगाए चंदन के पेड़
बता दें कि जालौन तहसील क्षेत्र के ग्राम सुढ़ार के रहने वाले युवा किसान अंकित पटेल ने चंदन की खेती करने के पहले विशेषज्ञों से सलाह ली. कानपुर में जाकर इसकी ट्रेनिंग ली तब जाकर उन्होंने अपने खेत में एक एकड़ खेत में चंदन के 400 पौधों को रोपित कर किया है. अंकित पटेल ने एक एकड़ खेत में 400 से अधिक चंदन के पेड़ लगाएं, जिनकी कीमत करोडों रुपये बताई जा रही है.
दूसरी सबसे महंगी लकड़ी महोगनी के करीब 100 पेड़ लगाएं
अंकित ने चंदन के पेड़ों के साथ-साथ औषधीय और फलदार पेड़ भी लगाएं हैं. चंदन का यह प्रयास जालौन के किसानों के लिए प्रेरणादायक बनकर सामने आया है. इस दौरान हुई बातचीत में अंकित ने बताया कि उनके 1 एकड़ खेत में कुल 80 हजार रुपये की लागत आई है और तकरीबन 10 से 15 साल बाद इनकी कीमत करीब 5 करोड़ हो जायेगी. इसके साथ ही उन्होंने विश्व की दूसरी सबसे महंगी लकड़ी महोगनी के करीब 100 पेड़ लगाएं हैं जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के काम आएगा. साथ ही यह 200 साल तक घुन से दूर रहेगा मतलब ये लकड़ी सैकड़ों सालों तक खराब नहीं होती है.
चंदन की खेती एक सराहनीय कदम-DFO जालौन
वहीं डीएफओ जालौन जेपीएन तिवारी ने बताया कि जनपद जालौन में प्रति किसान खेती की मात्रा काफी ज्यादा है. यहां खेती का काफी ज्यादा महत्व है. चंदन की खेती एक सराहनीय कदम है. इससे और भी किसानों को प्रेरणा मिलेगी. वन विभाग तकनीकी ज्ञान और सभी तरह से ऐसे किसानों के साथ है.
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