स्टेशनों पर खाने-पीने की चीजों को लेकर स्टॉल संचालकों और यात्रियों के बीच की झिकझिक भी खूब देखी होगी, हो सकता है आपक खुद भी इसका शिकार हुए हों. ग्राहकों को चूना लगाने वाले ऐसे दुकानदारों पर रेलवे ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कानपुर से भी एक ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें हुई कार्रवाई को सुनकर धोखाधड़ी करने से पहले दुकानदार सौ बार सोचेंगे.
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श्याम तिवारी/कानपुर: रेलवे में आपने सफर जरूर किया होगा. स्टेशनों पर खाने-पीने की चीजों को लेकर स्टॉल संचालकों और यात्रियों के बीच की झिकझिक भी खूब देखी होगी, हो सकता है आपक खुद भी इसका शिकार हुए हों. ग्राहकों को चूना लगाने वाले ऐसे दुकानदारों पर रेलवे ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कानपुर से भी एक ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें हुई कार्रवाई को सुनकर धोखाधड़ी करने से पहले दुकानदार सौ बार सोचेंगे.
समोसे का कम वजन मिलने पर स्टॉल किया सीज
दरअसल कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर कम वजन का समोसा मिलने पर स्टॉल सीज कर दिया गया. 50 की जगह पर 42 और 45 ग्राम वजन का समोसा मिलने पर कार्रवाई की गई. वहीं, स्टाल संचालक ने अपना पक्ष रखा कि समोसा पकने के बाद वजन कम हो जाता है. रेलवे ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए पके समोसे का वजन 50 ग्राम से अधिक रखने की नसीहत दी. जिसके बाद स्टाल खोलने की इजाजत दी गई.
खामियां मिलने पर एक्टिव हुई टीम
आपको बता दें कि एनसीआर के जीएम प्रमोद कुमार को महंगी रेल नीर की बोतल एक स्टाल संचालक ने दी थी. तब से जोन से लेकर मंडल स्तर तक के अफसर चौकन्ने हो गए हैं. डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह और एसीएम संतोष त्रिपाठी के निर्देशन में मंडल की चार सदस्यीय टीम सभी प्लेटफॉर्मों पर ओवरचार्जिंग, घटतौली पर अवैध नजर है. प्रयागराज मंडल से आई टीम ने ऑनस्पॉट स्टाल संचालकों की जांच की. यात्रियों के फीडबैक के मुताबिक स्टेशन पर चाट-पकवान मिलेंगे.
एनसीआर ने लागू किया एक स्टेशन एक उत्पाद
यात्रियों ने कहा कि उन्नाव स्टेशन पर पहुंचें तो वहीं का समोसा उन्हें प्लेटफॉर्म पर मिल जाए. वहीं, कानपुर का लड्डू इतना मशहूर हो गया कि यात्रियों को इसका स्वाद सेंट्रल स्टेशन पर चाहिए. इसी तरह फंफूद स्टेशन पर बालूशाही, फतेहपुर में मलवां का पेड़ा और इटावा व मैनपुरी में घेवर की मांग की गई है. उत्तर मध्य रेलवे ने हर रूट पर किए गए सर्वे के बाद यात्रियों की मांग पर मुहर लगा दी है. अलग-अलग रूट के यात्रियों से लिए गए फीड बैक के बाद एक स्टेशन एक उत्पाद को एनसीआर ने लागू कर दिया है. हर रूट पर दो-दो सौ यात्रियों का फीड बैक लिया गया.
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