Kanpur News: ज्योति हत्याकांड के मामले में अपर जिला जज ने फैसला सुनाया. सभी को गुरुवार न्यायालय ने दोषी करार दिया था. सजा के बाद न्यायिक हिरासत में ले सभी को जेल भेज दिया गया.
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श्याम तिवारी/कानपुर: कानपुर के आठ साल पुराने चर्चित ज्योति हत्याकांड के मामले में अपर जिला जज ने फैसला सुनाया. मृतका ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, पीयूष की प्रेमिका मनीषा मखीजा, ड्राईवर अवधेश चतुर्वेदी, रेनू कनौजिया, सोनू कश्यप और आशीष कश्यप को उम्रकैद की सजा सुनाई गई दी.सभी को गुरुवार न्यायालय ने दोषी करार दिया था. सजा के बाद न्यायिक हिरासत में ले सभी को जेल भेज दिया गया.
अपर जिला जज अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ता दोपहर करीब 12 बजे कोर्ट पहुंचे. सजा के बिंदु पर पहले बचाव पक्ष ने कम से कम देने की बात कही तो अभियोजन की ओर से रेयर ऑफ रेयरेस्ट का तर्क देते हुए फांसी की सजा देने की मांग की गई. दोनो पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुनाने के लिए जेल से आरोपितों को तलब कर लिया.
जिसके बाद पियूष,उसकी प्रेमिका मनीषा सहित सभी छह अभियुक्तों को कोर्ट लाया गया. न्यायालय ने सभी की उपस्थिति के बाद सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने इसे इंसाफ की जीत बताया. साथ ही उन्होने अभियुक्तों को सजा ए मौत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही.वहीं पियूष के वकील कमलेश पाठक ने कहा कि वह सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.
आपको बता दें कि पांडु नगर निवासी बिस्कुट कारोबारी पीयूष श्यामदासानी पत्नी ज्योति के साथ 27 जुलाई 2014 की रात स्वरूप नगर के वरांडा होटल गया था. जहां रात करीब 11:30 बजे उसने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोगों ने उसकी गाड़ी के सामने बाइक लगाकर उसे रोक लिया. उसे नीचे उतारकर पीटा और पत्नी व गाड़ी लेकर फरार हो गए. पुलिस ने उसकी तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली.
उसी रात करीब दो बजे पुलिस ने कल्याणपुर पनकी रोड पर खड़ी कार में पुलिस का शव बरामद कर लिया.पियूष की कहानी पर पुलिस का शक हुआ तो सख्ती से पूछताछ की. जिसमें वह टूट गया और उसने सच उगल दिया. बिस्किट कारोबारी के पियूष ने केसर पान मसाला कारोबारी हरीश मखीजा की बेटी मनीषा के चक्कर में पत्नी की हत्या की साजिश रची थी. जिसमें मनीषा का ड्राइवर अवधेश और हत्या व हत्या की साजिश रचने में शामिल रेनू, सोनू और आशीष को गिरफ्तार किया था.मामले को धन बल से मैनेज करने के कई बार प्रयास हुए लेकिन आखिरी में सत्य की जीत हुई.