केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दूसरे नंबर पर दिल्ली का एक्यूआई 354 रहा. वहीं नोएडा और गाजियाबाद भी वायु प्रदूषण के मामले में रेड जोन में हैं. इन शहरों का एक्यूआई क्रमश: 328 और 304 रहा.
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लखनऊ: देश में वायु प्रदूषण के स्तर में बहुत ज्यादा सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है. लोगों को भी इससे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बिहार का कटिहार पहले नंबर पर है. वहीं देश की राजधानी दिल्ली वायु गुणवत्ता सूचकांक में बहुत खराब एक्यूआई के साथ दूसरे नंबर पर काबिज है.
नोएडा, गाजियाबाद भी टॉप टेन में शामिल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को जारी किए आंकड़ों में 163 अलग अलग शहरों के प्रदूषण के स्तर को मापा है. इसके अनुसार बिहार के कटिहार में 7 नवंबर को 163 भारतीय शहरों में सबसे अधिक एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 360 था. आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरे नंबर पर दिल्ली का एक्यूआई 354 रहा. वहीं एनसीआर के नोएडा का 328 और गाजियाबाद का एक्यूआई 304 रहा.
पराली जलाने से बढ़ी समस्या
इसके अलावा कई और शहरों में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब मापा गया. बिहार के बेगूसराय में एक्यूआई 339, हरियाणा के फरीदाबाद में 338, बल्लभगढ़ का 334 रहा. वहीं बिहार के ही सिवान का 331, सोनीपत में 324, ग्वालियर में 312 और गुरुग्राम में एक्यूआई 305 रिकॉर्ड किया गया.
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वायु प्रदूषण में ज्यादा सुधार ना होता देख दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए कई तरह की कवायद शुरू की है. उन्होंने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वह राजधानी की सीमाओं पर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को डायवर्ट करने के उपाय करें. वहीं पराली जलाने की घटनाओं में भी बहुत ज्यादा कमी नहीं देखी जा रही है.
गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है.