डेंगू के चलते बढ़ी ड्रैगन फ्रूट की मांग, प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बढ़ गई डिमांड, किसान हो रहे मालामाल
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डेंगू के चलते बढ़ी ड्रैगन फ्रूट की मांग, प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बढ़ गई डिमांड, किसान हो रहे मालामाल

ड्रैगन फ्रूट में भी एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. इससे प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलती है. यह फल डेंगू के मरीजो को बहुत फायदा पहुंचाता है. ..

डेंगू के चलते बढ़ी ड्रैगन फ्रूट की मांग, प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बढ़ गई डिमांड, किसान हो रहे मालामाल

अली मुक्ता/कौशांबी: सरकार द्वारा किसानों की माली हालत सुधारने का मास्टर प्लान का असर भले ही जमीन नही दिखाई दे रहा है,लेकिन डार्कजोन के चलते पानी के संकट से जूझ रहे कौशांबी ज़िले के किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती वरदान बन कर सामने आई है. ड्रैगन फ्रूट खेती में पानी की बचत तो हो रही है, साथ ही किसानों की आय भी बढ़ रही है. यही नहीं यह फल डेंगू जैसे जानलेवा बीमारी से निजात भी दिलाता है.  डेंगू के चलते किसानों को इसे बेचने में भी दिक्कत नहीं हो रही है, क्योंकि डेंगू के चलते मार्केट में ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ी है.

उद्यान विभाग के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट की खेती 
सिराथू तहसील के टेगाई गांव के रहने वाले सुरेंद्र पांडेय के खेती किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनके तीन बेटे है. सुरेंद्र पांडेय के बड़े बेटे रविन्द्र पांडेय 2012 में कानपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी पास करने के बाद एलएलबी की तैयारी कर रहे थे.  इस दौरान उनकी रुचि पिता के साथ खेती किसानी में हाथ बंटाने की बढ़ी. उन्होंने परंपरागत तरीके की खेती से हटकर कुछ करने की सोची.  कौशांबी ज़िला डार्कजोन होने के चलते वह कम सिचाई वाली फसल खोज रहे थे. इस पर 2016 में तत्कालीन जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की जानकारी मिली. उन्होंने उद्यान विभाग के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट की खेती करवानी शुरू किया. पहले तो सही जानकारी नहीं मिलने से पहले साल कम मुनाफा कमाया. बाद में नेट के माध्यम से उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की अन्य जानकारी हासिल की. उन्होंने अच्छे तरीके से खेती करके अच्छा मुनाफा कमाना शुरू किया.

ड्रैगन फ्रूट किसानों के लिए वरदान
वहीं ड्रैगन फ्रूट के किसानों के लिए डेंगू वरदान साबित हो रहा है. किसान रविन्द्र पांडेय की माने तो प्रदेश भर में बढ़ाते डेंगू से गिरते प्लेटलेट के चलते ड्रैगन फ्रूट की मांग बाजार में बढ़ी है और किसान मालामाल हो रहे हैं. रविंद्र पांडे को देखकर आप अपनी किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए उनसे सीख ले रहे हैं. रविन्द्र ने बताया कि वह इस ड्रैगन फ्रूट की खेती को आधा हेक्टेयर में किया है.इससे वह हर साल तीन से साढ़े तीन लाख रुपये कमाते हैं.

कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है ड्रैगन फ्रूट 
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ दीपक सेठ ने बताया कि इस समय सामान्यतः बुखार के मरीजों में भी प्लेटलेट्स की कमी देखी जा रही है. इसके लिए उन्हें ताजे फल खाने के सलाह दी जाती है. जैसे कि कीवी खाने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ती हैं, वैसे ही ड्रैगन फ्रूट में भी एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. इससे प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलती है. यह फल डेंगू के मरीजो को बहुत फायदा पहुंचाता है. यह फल अन्य कई गंभीर बीमारी के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है.

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