Kushinagar News: मार्च में दोनों की सगाई हुई, दिसंबर में शादी होनी थी. लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. गरीब पिता अपनी बेटी को ब्याहने के लिए पैसे बटोर रहा था कि तब तक खबर मिली की लड़की की मां कैंसर से पीड़ित हैं. जानें फिर क्या हुआ.
Trending Photos
Kushinagar No Dowry Wedding: आज के समाज में दहेज लोभियों से जुड़ी कई खबरें आती हैं, जिनमें लड़कियों को दहेज के लिए मार दिया जाता है. ऐसी खबरों को सुनने के बाद मन दुःखी भी होता है. लेकिन वहीं कई जगह से ऐसी खबरें आती हैं जो इन लोभियों के गाल पर किसी तमाचे से कम नहीं. ऐसी ही एक ख़बर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से आई है, जहां एक युवक ने ऐसी मिसाल पेश की है कि जो सुनता है वह हैरान भी रह जाता है. सिर्फ दहेज के लिए बहू-बेटियों को दहेज की बलि चढ़ा दिया जाना यह तो सुनते आए हैं, लेकिन कुशीनगर की यह खबर पढ़ने के बाद किसी को भी दहेज लेने और देने में कुछ गलत जरूर लगेगा.
दूल्हे ने मना किया 5 लाख का दहेज
कुशीनगर के दुदही बाजार में यह जो फेरे लेते जोड़े दिख रहे हैं, यह आम शादी जरूर है लेकिन कुछ खास भी है. खास इसलिए क्योंकि दूल्हे ने समाज में मिसाल पेश की है. दूल्हे को जब पता लगा कि दुल्हन की मां को कैंसर है, तो उसने वधू पक्ष की तरफ से दिया जाने वाला 5 लाख का उपहार लेने से इनकार कर दिया और बिना दहेज ही शादी की. वहीं, दूल्हे ने इलाज में खर्च देने का वादा भी किया है, जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है.
10 दिन पहले ही मां के कैंसर के बारे में पता चला
विशुनपुरा थाना इलाके के दुदही गोला बाजार के रहने वाले नरेंद्र जायसवाल ने अपने छोटे बेटे दीपक की शादी देवरिया के राघव नगर की रहने वाले सुशील जायसवाल की बेटी स्वाति से तय किया था. मार्च में बड़े धूमधाम से सगाई भी की गई. 8 दिसंबर को शादी का शुभ मुहूर्त भी निकला, जिसमें लड़की की पिता ने लड़के को 5 लाख रुपये उपहार देने का वादा किया. अभी 10 दिन पहले ही लड़की की मां इंदु देवी के सीने में तेज दर्द हुआ. जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जांच में कैंसर होने की पुष्टि हुई.
Mainpuri: सपा के जिलाध्यक्ष की गाड़ी में ट्रक ने मारी टक्कर, दूर तक घसीटा, बाल-बाल बचे नेता
लड़की के पिता ने शादी न कर पाने की बात कही
स्वाति के पिता की छोटी सी पारचुन की दुकान है, जिससे वह घर का खर्चा और बच्चों की पढ़ाई का खर्च निकालते हैं. लेकिन, पत्नी की कैंसर बीमारी ने सुशील को झकझोर कर रख दिया. अब पत्नी की बीमारी बेटी की शादी में बाधा बन गई. एक दिन सुशील जायसवाल दुदही पहुंचे और अपनी बेटी की शादी नहीं करने की असमर्थता जाहिर की. लड़के के पिता नरेंद्र जायसवाल ने सुशील को बिना कुछ जवाब दिए उन्हें विदा कर दिया.
दूसरे दिन बेटा अपने पिता के साथ पहुंचा लड़की के घर
सुबह नरेंद्र जायसवाल, उनकी पत्नी और उनका बड़ा बेटा राजेश जायसवाल दूसरा शुभ मुहूर्त, 5 अगस्त की लग्न पत्रिका लेकर देवरिया पहुंच गए. उन्होंने बिना कोई उपहार लिए शादी करने की बात कही और बीमारी में भी सहयोग करने की इच्छा जताई. नरेंद्र जायसवाल का यह फैसला सुनते ही सुशील जायसवाल और उनके परिवार के लोग खुशी में रोने लगे. इसके बाद 5 अगस्त को बिना किसी उपहार के सिधुवा मंदिर में विवाह सम्पन्न हुआ. इस दहेज लोभी समाज में नरेंद्र जायसवाल और उनके परिवार की इस सहृदयता ने पूरे नगर पंचायत का दिल जीत लिया है.
Mathura Banke Bihari Video: आपस में भिड़ गए सेवायत, तगड़ी मारपीट का वीडियो वायरल